लाहौर: मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद ने नजरबंदी से रिहा किए जाने के बाद बुलाया एक संवाददाता सम्मेलन शनिवार (25 नवंबर) को ‘‘टाल’’ दिया. पाकिस्तान सरकार ने उसे इस हफ्ते की शुरूआत में रिहा कर दिया जिसके बाद अमेरिका ने उसे दोबारा नजरबंद करने की मांग की. सईद ने अमेरिकी मांग का जवाब देने के लिए संवाददाता सम्मेलन बुलाया था. सईद के संगठन जमात उद दावा के एक प्रवक्ता ने कहा कि उसने ‘‘इस्लामाबाद में तहरीक ए लब्बैक के कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई को देखते हुए देश में हुए दंगे के बाद अपना संवाददाता सम्मेलन टाल दिया.’’
अमेरिका ने सईद के सिर पर एक करोड़ रुपये डॉलर का इनाम रखा है. दस महीने तक नजरबंद रखे जाने के बाद उसे गुरुवार (23 नवंबर) की मध्यरात्रि को रिहा कर दिया गया. पाकिस्तान सरकार ने उसे किसी भी दूसरे मामले में हिरासत में ना रखने का फैसला किया है, जिससे 2008 के मुंबई हमले के गुनहगारों को सजा दिलाने की भारत की कोशिशें प्रभावित होगी. मई 2008 में अमेरिकी वित्त विभाग ने सईद को एक वैश्विक आतंकी घोषित किया था. शुक्रवार (24 नवंबर) को अमेरिका ने पाकिस्तान से सईद को दोबारा नजरबंद करने की मांग की थी.
विदेश विभाग की प्रवक्ता हीथर नोर्ट ने कहा था, ‘‘अमेरिका लश्कर ए तैयबा के नेता हाफिज सईद को पाकिस्तान में नजरबंदी से रिहा किए जाने को लेकर बेहद चिंतित है. पाकिस्तान सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि उसे गिरफ्तार किया जाए और अपराधों के लिए मामला दर्ज किया जाए.’’ जमात उद दावा के प्रवक्ता अहमद नदीम ने कहा कि सईद ने अपने खिलाफ जारी ‘‘भारतीय दुष्प्रचार’’ और अमेरिका द्वारा दोबारा नजरबंद करने की मांग करने पर लाहौर में संगठन के मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन बुलाया था. नदीम ने कहा कि हालांकि मौजूदा स्थिति के कारण वह इसे टालने पर मजबूर हो गया.