वॉशिंगटन: आतंकी हाफिज सईद की रिहाई पर अमेरिका ने सख्त रुख अपनाते हुए पाकिस्तान को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है. व्हाइट हाउस ने शनिवार (25 नवंबर) को कहा कि अगर इस्लामाबाद मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और प्रतिबंधित आतंकी संगठन जमात-उद-दावा के मुखिया हाफिज सईद को हिरासत में लेकर उसे आरोपित नहीं करता तो अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्तों पर इसके गंभीर नतीजे देखने को मिलेंगे. व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा, ‘हाफिज सईद रिहा हो सका क्योंकि पाकिस्तान सरकार कोर्ट में उसके खिलाफ आरोपों को साबित करने में नाकाम रही. इससे एक खतरनाक संदेश जाता है कि जो कि पाकिस्तान के उस संकल्प के बिल्कुल विपरीत है जिसमें उसने (पाकिस्तान ने) अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद के खिलाफ अभियान चलाने की बात कही थी. साथ ही हाफिज की रिहाई पाकिस्तान के उस दावे को भी सिरे से झुठलाता है जिसमें उन्होंने इस बात का भरोसा दिलाया था कि वे अपनी जमीन का इस्तेमाल आतंकवादियों के पनाह के लिए नहीं होने देंगे.’
इसके साथ ही व्हाइट हाउस ने कहा, ‘यदि पाकिस्तान आतंकी हाफिज सईद को हिरासत में लेकर उसके खिलाफ आरोप तय नहीं करता तो इसकी प्रतिक्रिया अमेरिका-इस्लामाद के द्विपक्षीय रिश्तों पर देखने को मिलेगी और वैश्विक स्तर पर भी पाकिस्तान की छवि खराब होगी.’ इससे पहले अमेरिका ने बीते शुक्रवार (24 नवंबर) को भी पाकिस्तान सरकार से कहा था कि वो आतंकी हाफिज सईद को गिरफ्तार करे और उसके अपराधों के लिए आरोय तय हो. पाकिस्तान ने प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा प्रमुख और 2008 के मुंबई हमले के मुख्य साजिशकर्ता हाफिज सईद को नजरबंदी से शुक्रवार (24 नवंबर) को रिहा कर दिया. रिहाई के कुछ ही समय बाद सईद ने भारत विरोधी अपने भाषण में कहा कि वह ‘कश्मीर मुद्दे’ के लिये देशभर से लोगों को जुटाएगा.
अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता हीथर नॉर्ट ने कहा, ‘अमेरिका इससे बहुत चिंतित है कि हाफिज सईद को पाकिस्तान में नजरबंदी से रिहा कर दिया गया है. लश्कर-ए-तैयबा को विदेशी आतंकी संगठन घोषित किया गया है जो कई अमेरिकी नागरिकों सहित सैकड़ों निर्दोष लोगों की हत्या का जिम्मेदार है.’ उन्होंने एक बयान में कहा, ‘पाकिस्तान सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सईद को उसके अपराधों के लिए गिरफ्तार किया जाए और आरोपी बनाया जाए.’
आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्तता के कारण जमात-उद-दावा प्रमुख पर अमेरिका ने एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है. पाकिस्तान सरकार ने किसी और मामले में सईद को और हिरासत में नहीं रखने का फैसला किया. इसके बाद आतंकवादी संगठन के प्रमुख को रिहा कर दिया गया. सईद का रिहा किया जाना मुंबई आतंकवादी हमले के अपराधियों को न्याय के दायरे में लाने के भारत के प्रयासों के लिये झटका है. वह इस साल जनवरी से 297 दिन नजरबंदी में रहा.
सईद को मुंबई हमले की नौवीं बरसी से पहले बीती मध्य रात्रि के बाद रिहा किया गया. गौरतलब है कि मुंबई हमले में 166 लोग मारे गए थे. भारत ने बार-बार पाकिस्तान से मुंबई आतंकवादी हमले की फिर से जांच करने को कहा है और भारत की ओर से इस्लामाबाद को प्रदान किये गए सबूतों के आलोक में सईद और लश्कर-ए-तय्यबा के ऑपरेशन कमांडर जकीउर रहमान लखवी के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की है.