डॉ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा। अवैध संबंधों की चर्चा से परेशान खुशीराम ने अपने साडू की हत्या की थी। पुलिस ने 30 दिसंबर को खुशीराम को उसके घर से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है।
अपर पुलिस अधीक्षक बृजेश सिंह के नेतृत्व ने प्रभारी निरीक्षक थाना मण्डी धनौरा ने वांछित अभियुक्त खुशीराम पुत्र राम सिह सैनी नि0ग्राम अकबरपुर झोझा थाना चांदपुर जिला बिजनौर को 30 दिसंबर को प्रातः 8.45 बजे अभियुक्त के घर पर दबिश देकर गिरफ्तार किया है ।
उल्लेखनीय है चार अक्टूबर की प्रातः ग्राम मोहिद्दीनपुर के जंगल से गुजर रही रामगंगा पोषक नहर की सूखी तलहटी मे टूटी मोटर साईकिल के साथ मृतक अजय सिह पुत्र झूंडे सिंह सैनी नि.ग्राम बाडीवाला थाना चांदपुर जिला बिजनौर का शव बरामद हुआ था । जिसकी मौत दुर्घटना में हुई मानते हुये मृतक के भाई शंकर सिहं ने रपट दर्ज कराकर मृतक की लाश का पंचायत नामा भरवाकर पोस्टमार्टम कराया था । पोस्टमार्टम में मृतक की मौत गला दबाकर दम घोटने का कारण पाये जाने पर मृतक की पत्नी श्रीमति गीता द्वारा अपने पड़ोस के सेवाराम , घनश्याम , हेमकुमार , कृपाल सिहं व सुरेश सैनी के विरूद्ध जमीनी विवाद के चलते अपने पति की हत्या कारित करने का आरोप लगाते हुये मुकदमा उपरोक्त थाने पर पंजीकृत करवाया था । जिसकी विवेचना में प्रमाणित हुआ कि मृतक अजय सिहं की हत्या नामजद अभियुक्तो ने नहीं की है अपितु उसके सगे साढू खुशीराम ने की थी।
आज गिरफ्तार अभियुक्त खुशीराम ने पूछँने पर बताया है कि मेरी मृतक पत्नी मालती व मृतक अजय सिहं की पत्नी गीता सगी बहने थी । करीब डेड वर्ष पूर्व मेरी पत्नी मालती की मेरे घर पर संदिग्ध हालत मे मौत हो गयी थी । जिसके लिये मैं मन ही मन अपने साढू अजय सिहं को जिम्मेदार मान रहा था । मेरी पत्नी की मौत के बाद अजय सिहं अपनी पत्नी व मेरी साली गीता से मेरे नाजायज सम्बन्धो की अपवाह बिरादरी मे फैलाकर मेरी बदनामी करने लगा था ।
इसीलिये तीन अक्टूबर को सांय मृतक अजय सिह से टेलीफोन पर वार्ता करके अजय सिहं को मोहिद्दीनपुर जंगल से गुजर रही रामगगा पोषक नहर के पुल पर 6.30 बजे सांय बुलाया वहां नहर की तलहटी मे बैठकर हम दोनो ने शराब पी फिर मैने मृतक अजय सिहं से पूछा था कि तेरी वजह से मेरी पत्नी मालती मर गयी और तो अपनी पत्नी गीता से मेरे नाजायज सम्बन्ध होने की बात बिरादरी मे फैलाकर मेरी बदनामी क्यो कर कर रहा तो अजय सिह ने कहा था कि मे तेरी बदनामी बिरादरी मे ऐसे ही करूगा । इस बात कर गुस्से मे आकर मैने अपने हाथो से अजय सिहं का गला दबाकर मार दिया था । उसकी लाश को नहर की तलहटी में ही खीचकर पत्थरों पर डाल दिया था । आते जाते लोगो को हत्या का शक न हो इस लिये मैने उसकी मोटर साईकिल को भी नहर के पुल से तलहटी मे गिरा दिया था ताकि टुटी मोटर साईकिल के पास पडी लाश को देखर लोगो को दुर्घटना का विश्वास हो जाये । मुझे अपने साढू अजय सिहं की हत्या करने का कोई अफसोस नहीं है।