डॉ. दीपक अग्रवाल
इंटरनेट और संचार क्रांति के इस युग में मोबाइल का चलन बहुत अधिक बढ़ गया है। नौनिहाल भी मोबाइल से खेलने लगे हैं, मैंने कई घरों में देखा है जब बच्चा रोता है तो उनके हाथ में मोबाइल थमा दिया जाता है। हालात यह हो गए हैं कि तमाम परिवारों में माता-पिता से अधिक स्मार्टफोन का प्रयोग बच्चे कर रहे हैं। बच्चों को माता-पिता से अधिक मोबाइल के फंक्शनों की जानकारी होती है। जानकारी होना बुरी बात नहीं है, लेकिन दुरुपयोग नुकसानदायक होता है। ब्लू व्हेल गेम ने किस तरह तमाम किशोर और युवाओं को काल का ग्रास बनाया है, यह किसी से छिपा नहीं है। तमाम प्रतिबंधों और चेतावनी के बावजूद इस जीवन की बलि लेने वाले दानवी ब्लू व्हेल गेम पर पूर्णतया अंकुश नहीं लग पाया है।
यह स्थिति बहुत चिंताजनक है केवल जागरूक होकर ही इस भयानक स्थिति से बच्चों को बचाया जा सकता है। बच्चों के साथ-साथ बड़ों को भी मोबाइल का प्रयोग संयमित होकर करना चाहिए, बच्चे बड़ों की ही नकल करते हैं। विज्ञान का प्रयोग तभी तक लाभदायक होता है जब तक उसका सदुपयोग किया जाता है, इसका दुरुपयोग विनाश का कारण बनता है। जिस तरह बिजली का करंट घर को रोशन कर देता है और इलेक्ट्रानिक सिटी नोएडा में रात को सूरज की रोशनी जैसा नजारा नजर आता है वही बिजली का करंट जरासी लापरवाही पर किसी के घर के चिराग को बुझा भी देता है।
मोबाइल का अधिक प्रयोग बच्चों के हार्मोंस सिस्टम को गड़बड़ कर रहा है, यही वजह है कि बच्चे विभिन्न बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। हार्मोंस सिस्टम बिगड़ जाने पर पूरे शरीर का ताना-बाना बिगड़ जाता है। बच्चों को मोबाइल के
चस्के से दूर रखने की जरूरत है। स्वयं सयंमित होते हुए बच्चों को भी मोबाइल और इंटरनेट के संयमित प्रयोग के लिए प्रेरित करें।
पिछले दिनों मुबंई के लीलावती हॉस्पिटल ने एक स्टडी की थी, जिसके अनुसार दिन में 6 घंटे से अधिक का समय फोन पर लगे रहने वाले बच्चों में हार्मोंस में गड़बड़ी के अलावा उनकी गर्दन की हड्डी में झुकाव देखने को मिल रहा है।
डॉ. एसके सैनी, बाल रोग विशेषज्ञ
परिजनों को बच्चों को मोबाइल से दूर करना चाहिए। स्कूल से आने के बाद अगर बच्चा मोबाइल में गेम खेलता है तो पैरेंट्स को उसे ऐसा करने से रोकना चाहिए। बच्चां को आउटडोर गेम खेलने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
डॉ. पीके पंघाल, होम्योपैथ
मोबाइल का अधिक प्रयोग बच्चों को जिद्दी और चिढ़चिढ़ा भी बना रहा है। बच्चों की रीढ़ की हड्डी के अलावा उनकी शारीरिक गतिविधियों को भी प्रभावित कर रहा है। बच्चों को मोबाइल का अधिक प्रयोग न करने से रोकना पैरेंट्स की जिम्मेदारी है।