डॉ.दीपक अग्रवाल
नई दिल्ली। राष्ट्रीय प्रजापति महासभा के प्रतिनिधि मंडल ने पिछड़े वर्ग उपवर्गीकरण की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती रोहणी सहित समस्त सदस्यों के समक्ष उपस्थित होकर प्रजापति/कुम्हार जाति को उपवर्गीकरण में सर्वाधिक पिछड़ी जाति की सूची मे सम्मिलित करने हेतु अपना पक्ष प्रमाण सहित रखा।
संगठन के राष्ट्रीय कार्य कारी अध्यक्ष श्योनाथ सिंह प्रजापति
ने बताया कि आयोग से कहा गया कि कमजोर वर्गों को आरक्षण प्रदान कर विशेष सुविधाएँ एवं अधिकार देकर जो कार्य इस जाति के लिए सन् 1952 में हो जाना चाहिए था हम कुम्हार जाति के प्रतिनिधि के रूप मे आज 70 वर्ष बाद उसी कार्य के लिए निवेदन करने आये है। आगे कहा, कुम्हार जाति आज जीवन के हर क्षेत्र मे अन्य जातियों व समुदायों की तुलना में सबसे पीछे हो गयी है।
कुम्हार/प्रजापति जाति आज इस संदर्भ मे एक निर्बल प्रतियोगी है। उसे ’प्रगति ’के मार्ग पर लाकर अन्य जातियों के समान स्तर पर लाना आवश्यक है ।
यह कार्य उसे अनुसूचित जाति का दर्जा देकर अथवा विशेष सुविधाएँ व अधिकार देकर ही किया जा सकता है या पिछड़े वर्ग के उपवर्गीकरण मे निम्नतम (सर्वाधिक पिछड़ी )श्रेणी मे स्थान देकर कुम्हार के साथ न्याय किया जा सकता है। अर्थात पिछड़ा वर्ग में निचली श्रेणी की जातियों मे स्थान देकर उसकी बराबरी की जातियों के साथ रखा जा सकता है ।
इससे पूर्व 5/11/2017 को महा सभा ने एक माँग पत्र देकर आयोग से इस हेतु अपनी बात कही थी ।जिसके संदर्भ में आयोग ने 22/12/17 को बुलावा -पत्र भेज कर महासभा के अधिकतम तीन पदाधिकारियों को प्रतिनिधि मंडल के रूप मे 12/01/2018 को विग्यान भवन नयी दिल्ली मे एनेक्सी भवन के कमरा न0307 मे दोपहर 3बजे साक्षात्कार हेतु प्रमाण सहित बुलाया था ।
इस हेतु महासभा के मुख्य संयोजक श्री फिरेराम प्रजापति, राष्ट्रीय अध्यक्ष रोहताश प्रजापति व राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव श्री सुरेन्द्र कुमार प्रजापति आदि उपस्थित रहे ।