डॉ.दीपक अग्रवाल की वार्ता
अमरोहा, 15 जनवरी 2018। अमेरिका में एच-1बी वीजा विस्तार रोकने संबंधी संशोधन नहीं होने की खबर भारतीय आईटी पेशावरों के लिए राहत भरी है और अब अमेरिका में नौकरी करने वाले भारतीयों को वापस नहीं आना पड़ेगा। ऐसे में भारतीय आईटी पेशावर पहले की तरह लंबे समय तक अमेरिका में काम करते रहेंगे। यह मानना है अमेरिका में रहने वाले भारतीय आईटी पेशेवर मनसूब खान का।
अमरोहा के मौहल्ला दानिशमन्दान नई बस्ती निवासी और अमेरिका के लॉस एंजिलस में सेवारत आईटी पेशेवर मनसूब खान इन दिनों अमरोहा आए हैं। मनसूब खान ने सोमवार अपने आवास पर बात करते हुए बताया कि जैसा विगत दिनों सुनने में आ रहा था कि अमेरिका ट्रंप प्रशासन एच-1बी वीजा संबंधी नियमों को सख्त बनाने पर विचार कर रहा था। इसके तहत एच-1बी के और विस्तार पर रोक लग जाएगी जबकि भारत के तमाम आईटी पेशेवर इस वीजा का इस्तेमाल करते हैं। इस वीजा के नियमों में बदलाव किए जाने से बड़ी तादाद में अमेरिका में नौकरी करने वाले भारतीय आईटी पेशेवर प्रभावित हो जाते और उन्हें वापस स्वदेश लौटना पड़ जाता। लेकिन अमेरिका सरकार द्वारा यह घोषणा करना कि एच-1बी वीजा में कोई संशोधन नहीं किया जा रहा है अमेरिका में काम करने वाले साढ़े सात लाख भारतीयों के लिए राहत देने वाली खबर है।
दुनिया के विभिन्न देशों में भारतीयों का लोहा
उनका मानना है कि भारत के लोग अपनी योग्यता का लोहा दुनिया के विभिन्न देशों में मनवा रहे हैं। अमेरिकी अर्थव्यवस्था और समाज में भारतीयों का अतुलनीय योगदान है। उनका कहना है कि अमेरिका में नौकरी करने वाले लाखों भारतीयों के द्वारा देश को बड़ी मात्रा में विदेशी करेंसी प्राप्त होती है जोकि अपने देश के लिए भी बेहद लाभदायक है।
योग्यता से मिलती पहचान
मनसूब खान मानते हैं कि इंसान की योग्यता कभी बेकार नहीं जाती और भारतीयों ने अपनी योग्यता के दम पर ही दुनिया के विभिन्न देशों में अपनी अलग पहचान बनाई हुई है। उनका मानना है कि जो छात्र अब इंजीनियरिंग कर रहे हैं वह अपने क्षेत्र में गहन अध्ययन से खूब ज्ञान अर्जित करें ताकि जब वह डिग्री हासिल करें तो उन्हें नौकरी के लिए भटकना न पड़े।
भारत तो दिल में बसता है
मनसूब खान कहते हैं कि वह अमेरिका में रहते हैं लेकिन अपने देश भारत की यादें हमेशा उनके साथ रहती हैं। अपने देश में एक दूसरे से मिलना-जुलना, एक दूसरे के साथ मिलकर त्यौहार मनाना और आपसी भाईचारा, अपने देश के लजी़ज व्यंजन दुनिया में कहीं नहीं पाए जाते।
मनसूब तीन से हैं अमेरिका में
मनसूब खान पिछले तीन वर्ष से अमेरिका में आईटी कंपनी एचसीएल में सेवारत है। वह इससे पहले अमेरिका के शहर ह्यूस्टन में सेवारत थे और वर्तमान में लॉस एंजिलस में सेवारत है। वह आईटी में बीटेक डिग्री धारक हैं। वह एचसीएल से पहले एसेंचर कंपनी में मुंबई में सेवारत रह चुके हैं। वह मूल रूप से जिले के गंगाधाम तिगरी के निकट मोहरका पट्टी गांव के निवासी हैं। उनकी शिक्षा अमरोहा, काशीपुर, लखनऊ व गाजियाबाद में हुई है।
मनसूब के बड़े भाई महबूब लंदन में
मनसूब खान के पिता अनूप हुसैन तुर्की इंटर कॉलेज, पलौला से प्रधानाचार्य पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। उनके बड़े भाई महबूब खान लंदन में रहते हैं और वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र रेडियो में प्रोडयूसर व पत्रकार हैं, महबूब खान ग्यारह वर्ष तक बीबीसी हिंदी में लंदन में पत्रकार के रूप में सर्विस कर चुके हैं। मनसूब के एक भाई डॉ. मतलूब हुसैन फायर सर्विस में एफएसओ के पद पर ग्रेटर नोएडा में तैनात हैं और एक भाई मरगूब हुसैन अमरोहा में डीआईओएस कार्यालय में सेवारत हैं।