डॉ.दीपक अग्रवाल
अमरोहा /लखनऊ। इन दिनों सूबे में शीतलहर और कोहरे का प्रकोप चल रहा है। लिहाजा विभिन्न जिलों के डीएम अपने स्तर से बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों संग कक्षा 8 तक की कक्षाओं का अवकाश कर रहे हैं। कुछ जिलों में शिक्षक और शिक्षिकाओं को स्कूल जाने के आदेश भी किए गए है। यहां शिक्षिकाओं की सुरक्षा का मुददा पैदा हो गया है।
इस मुद्दे को लेकर रात सवा आठ बजे बेसिक शिक्षा निदेशक सोवेंद्र सिंह से वार्ता की गई। उन्होंने पूछा कोई परटिकुलर केस है या जनरल। उन्हें बताया गया कि कुछ जिलां में टीचरों के स्कूल जाने के आदेश है और कुछ में नहीं है। आदेशों में भिन्नता है। वह बोले यह विषय मेरा नहीं है यह डीएम और बीएसए तय करेंगे क्या करना है।
अब बात शिक्षिकाओं की सुरक्षा की है। सूबे के तमाम स्कूलां में केवल शिक्षिकाएं ही तैनात है बच्चों के मौजूद रहने पर उन्हें कोई परेशानी नहीं होती है लेकिन अकेले स्कूल में बैठना उचित नहीं ठहराया जा सकता है। अगर उनके साथ कोई अनहोनी हो गई तो कौन जिम्मेदार होगा।
बेसिक शिक्षा निदेशक को विभाग का मुखिया होने के नाते इस विषय पर विचार करना चाहिए और सूबे के सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में दिशा निर्देश जारी करने चाहिए। तमाम जिलाधिकारी बेसिक शिक्षा के स्कूलों की ग्रामीण क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति से परिचित नहीं होते हैं।
शिक्षिकाओं ने बताया कि अकेले स्कूल में बैठने में डर लगता है और काम भी छात्र-छात्राओं के मौजूद रहने पर ही होता हैं।
प्राथमिक शिक्षक संघ के जनपद अमरोहा के जिला मंत्री मुकेश चौधरी ने बताया कि महिलाओं की सुरक्षा गंभीर विषय है। इस संबंध में जिलाधिकारी से वार्ता की जाएगी।