डॉ.दीपक अग्रवाल
अमरोहा। जेएसहिन्दू महाविद्यालय, अमरोहा में दो दिवसीय हिन्दी पत्रकारिता का स्वरूप : चुनौतियाँ एवं सम्भावनाएँ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारम्भ 20 फरवरी को किया गया। इसमें कहा गया कि आज की पत्रकारिता को तमाम चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। पत्रकारिता ही समाज को बदलने में सक्षम है। साथ ही समाज में बढ़ती पीत पत्रकारिता पर चोट की गयी।
मूल्यपरक पत्रकारिता की जरूरत
सेमिनार के मुख्य अतिथि उ.प्र. भाषा संस्थान, लखनऊ के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ.राज नारायण शुक्ल ने कहा कि मीडिया में सकारात्मक खबरों को प्राथमिकता देने की जरूरत है। समाज में जहां अपराध घटित हो रहे हैं। वहीं दूसरी ओर अन्ना हजारे सहित तमाम लोग अच्छा काम भी कर रहे हैं। इस अच्छे काम को भी खबरों के रूप में प्रचारित और प्रसारित किया जाना चाहिए। आज मूल्यपरक पत्रकारिता की जरूरत है।
पत्रकार सर्वाधिक शोषण का शिकार : कुलपति
सेमिनार की अध्यक्षता करते हुए एम.जे.पी.रु.वि.वि. के कुलपति प्रोफेसर अनिल कुमार शुक्ल ने कहा कि निःसन्देह मीडिया समाज का अभिन्न अंग है। इसके बिना समाज की कल्पना नहीं की जा सकती है। उन्होंने मीडिया में अपराधों और नकारात्मक खबरों को प्राथमिकता दिये जाने पर चोट करते हुए कहा कि यह समाज हित में नहीं है।
कुलपति ने कहा कि पत्रकारिता के क्षेत्र में पढ़े-लिखे और विषयों को समझने वाले पत्रकारों को आना चाहिए। पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा मजबूत स्तम्भ है। इसलिए इस क्षेत्र में भी योग्यता की सीमा निर्धारित होनी चाहिए। जब योग्य पत्रकार आयेंगें तो इस क्षेत्र में सुधार भी होगा। उन्होंने पत्रकारों के शोषण का मुद्दा भी उठाया।
पत्र-पत्रिकाएं समाज को दिशा देते
मुख्य वक्ता एस.एस.वी. कालिज, हापुड़ के हिन्दी विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर तिलक सिंह ने हिन्दी पत्रिकाओं के इतिहास और उनके महत्व पर रोशनी डाली। उन्होंने कहा कि पत्र-पत्रिकाएं समाज को दिशा देते हैं वह समाज का आईना होते हैं। आज की पत्रकारिता में साहित्य गुम हो गया है।
अब सोशल मीडिया का जमाना
दिल्ली विश्वविद्यालय दिल्ली के हिन्दी विभाग की अध्यक्ष और हिन्दी माध्यम कार्यान्वयन निदेशालय नई दिल्ली की निदेशक प्रोफसर कुमुद शर्मा ने मीडिया के प्रायोजित खबरों को प्रचारित-प्रसारित करने के चरित्र पर विस्तार से रोशनी डाली। उन्होंने आज से चार दशक पूर्व के समाचार पत्रों के संपादकों और आज के समाचार पत्रों के संपादकों का तुलनात्मक विवेचन प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया संचार का सशक्त माध्यम बनकर उभरा है।
मूल्यपरक पत्रकारिता की जरूरत
मोहन लाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर के प्रोफसर विजय कुलश्रेष्ठ ने पत्रकारों के समक्ष चुनौतियों को इंगित करते हुए उनके कर्तव्यों और दायित्वों पर रोशनी डाली। उन्होंने नकारात्मकता को छोड सकारात्मकता अपनाने और मूल्यपरक पत्रकारिता के बढ़ावे पर बल दिया।
पत्रकारों की सुरक्षा की जरूरत
मोतीलाल नेहरू कालिज नई दिल्ली के प्रोफेसर चन्द्र प्रकाश मिश्र ने कहा कि पत्रकारों को विभिन्न प्रकार के दबावों में काम करना पड़ता है। अगर वह किसी माफिया के खिलाफ खबर छापते हैं तो उनकी हत्या करा दी जाती है। सरकार को पत्रकारों की सुरक्षा और उनके अधिकारों के संरक्षण का काम करना चाहिए।
मीडिया ही समाज को जागरूक करता
महाविद्यालय की प्रबंध समिति के मंत्री गिरीश चन्द्र अग्रवाल ने कहा कि मीडिया और पत्रकारों का समाज निर्माण में बहुत महत्व है। मीडिया ही समाज को जागरूक करता है और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी करता है।
पुस्तकों का विमोचन
संचालन करते हुए सेमिनार के संयोजक डॉ. बबलू सिंह ने कहा कि पत्रकारिता आमजन की समस्याओं को शासन तक और शासन की योजनाओं को आम जन तक पहुंचाने का सशक्त माध्यम है। राजनीति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार रुस्तगी और हिन्दी विभाग की अध्यक्ष डॉ. बीना रुस्तगी ने सेमिनार के विषय पर रोशनी डाली। सेमिनार की शोध संबंधित पुस्तक और डॉ. विजय कुल श्रेष्ठ की मीडिया संबंधी दो पुस्तकों का विमोचन भी किया गया। इससे पूर्व अतिथियों ने माँ सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर सेमिनार का शुभारम्भ किया।
अतिथियों को सम्मानित किया
महाविद्यालय की प्रबंध समिति के अध्यक्ष रमेश कुमार अग्रवाल ने कुलपति डॉ. अनिल कुमार शुक्ल को स्मृति चिन्ह भेट किया। इसके अलावा महाविद्यालय के प्रबंध समिति के मंत्री गिरीश चन्द्र अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष विजय शंकर अग्रवाल, डॉ. पी.सी. शर्मा, डॉ. वी.बी. बरतरिया, डॉ. अनिल रायपुरिया, डॉ. अशोक रुस्तगी, डॉ. मनन कौशल, डॉ. वीर वीरेन्द्र, डॉ. निखिल दास ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान किये और शॉल उढ़ाकर सम्मानित किया।
प्राचार्या ने आभार जताया
अंत में महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. वन्दना रानी गुप्ता ने सभी का आभार व्यक्त किया उन्होंने समाज निर्माण में पत्रकारिता की भूमिका पर रोशनी डाली।
इस मौके पर विश्वयात्री डॉ. कामता कमलेश, पूर्व प्राचार्य डॉ. पी.के. जैन, डॉ. सुधांश शर्मा, डॉ. हरेन्द्र सिंह, डॉ. रमेश चन्द्रा, डॉ. नवनीत विश्नोई, डॉ. सीमा रानी शर्मा, डॉ. बीना शर्मा आदि मौजूद रहे।