डॉ.दीपक अग्रवाल
अमरोहा। राजनीति विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार यूसुफ अंसारी ने कहा कि मीडिया पर व्यवसायिक होने का जो आरोप है वह निराधार नहीं है। इसके बावजूद भी हिन्दी पत्रकारिता आज भी मिशन के रूप में काम कर रही है। समाज निर्माण में मीडिया की अहम भूमिका है।
जे.एस.हिन्दू महाविद्यालय, अमरोहा में दो दिवसीय हिन्दी पत्रकारिता का स्वरूपः चुनौतियाँ एवं सम्भावनाएँ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का 21 फरवरी को समापन हुआ।
पत्रकार जान जोखिम में डाल कर काम करते
समापन सत्र को बतौर मुख्य वक्त श्री अंसारी ने कहा कि हिन्दी पत्रकारिता को विभिन्न समाचार पत्र और पत्रिकायें आगे बढ़ा रहे हैं। समाज के लोग पत्रकार और पत्रकारिता पर विभिन्न तरह के आरोप लगाते हैं। लेकिन उनकी मजबूरियों की ओर कोई नहीं देखता है। कई बार समाज हित में खबरों को बदलना पड़ता है और उनका चरित्र भी बदल दिया जाता है। पत्रकार आज भी जान जोखिम में डाल कर निष्पक्ष पत्रकारिता कर रहे हैं। उन्होंने स्वयं वर्ष 2003-04 में टर्की बॉडर से महीने भर तक ईराक पर अमेरिकी हमले की कवरेज की थी। 24 सितम्बर 2002 को जम्मू कष्मीर में अपनी जान जोखिम में डालकर भारतीय टीवी पत्रकारिता के इतिहास में पहली बार आतंकवादियों के खिलाफ सुरक्षाबलों की मुठभेड़ का लगातार साढे तीन घंटे तक सीधा प्रसारण दिखाया था।
हिन्दी पत्रकारिता तेजी से आगे बढ़ रही
सेमिनार की अध्यक्षता करते हुए महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी विष्वविद्यालय वर्धा, महाराष्ट्र के अनुवाद निर्वाचन विद्यापीठ के अधिष्ठाता डॉ. देवराज ने कहा कि हिन्दी पत्रकारिता तेजी से आगे बढ़ रही है। पत्रकारिता ने हिन्दी भाषा को संरक्षण प्रदान किया है।
पत्रकारों के शोषण पर भी चर्चा हो
वरिष्ठ पत्रकार डॉ. दीपक अग्रवाल ने कहा कि पत्रकारिता आज भी समाज को दिशा देने का काम कर रही है। यह जनमत निर्माण का सशक्त माध्यम है। लोकतंत्र का यह चौथा स्तम्भ प्रेस लोकतंत्र के बाकी तीनों स्तम्भों विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका की निगरानी कर रहा है। उन्होंने पत्रकारों के शोषण पर भी चर्चा का मुद्दा उठाया।
पत्रकार बडी कठिन परिस्थितियों में काम करते
विश्वयात्री डॉ. कामता कमलेश ने कहा कि निसंदेह पत्रकार और उनकी पीड़ा को भी चर्चा का विषय बनाया जाना चाहिए। पत्रकार बडी कठिन परिस्थितियों में काम करते हैं और खबरों का संकलन व प्रकाशन होता है। वरिष्ठ पत्रकार डॉ. महताब अमरोही ने पत्रकारों के समक्ष चुनौतियों और खतरों पर रोशनी डाली।
मीडिया के बिना समाज की कल्पना नहीं
सभी अतिथियों को स्मृति चिह्म व किट प्रदान की गयी और शॉल उढ़ाकर सम्मानित किया गया। सेमिनार के संयोजक डॉ. बबलू सिंह ने संचालन करते हुए कहा कि मीडिया के बिना समाज की कल्पना नहीं की जा सकती है।
मीडिया समाज का जनजागरण करती
महाविद्यालय प्राचार्या डॉ. वन्दना रानी गुप्ता ने सभी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि समाज की समस्याओं को उठाने में और उनका समाधान कराने में पत्रकारिता का बहुत योगदान है। इस अवसर पर डॉ. विजय कुलश्रेष्ठ ने यात्रा संस्मरण संबंधी पुस्तक का विमोचन भी किया गया।
मुख्य रूप से मौजूद रहे
इस मौके पर डॉ. सुधांश शर्मा, डॉ. वी.बी. बरतरिया, डॉ. बीना रुस्तगी, डॉ. मनन कौशल, डॉ. वीर वीरेन्द्र सिंह, डॉ. हरेन्द्र सिंह, डॉ. निखिल दास, डॉ. मनमोहन सिंह, डॉ. सीमा रानी शर्मा, डॉ. संयुक्ता चौहान, डॉ. पीयूष शर्मा, डॉ. शिवानी गोयल, डॉ. पूनम वर्मा, डॉ. सीमा सिंह, डॉ. मनीष टंडन आदि मौजूद थे।