डॉ.दीपक अग्रवाल
अमरोहा। जे.एस.हिन्दू महाविद्यालय में आयोजित अखिल भारतीय सेमिनार के समापन में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए, शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने, ग्रामीण विकास के साथ कृषि की दशा सुधारने, बढ़ते पर्यावरण को रोकने, सोलर ऊर्जा का प्रयोग बढ़ाने, देश के आधारभूत ढांचे को बदलने, राजनीति में सुचिता लाने, मीडिया को जिम्मेदार बनाने, जनसंख्या पर नियंत्रण लगाने, शैक्षिक प्रशासन को मजबूत बनाने, परिवहन व्यवस्था को सुधारने पर बल दिया गया।
महाविद्यालय में चल रहे दो दिवसीय सेमिनार का 18 फरवरी को समापन हुआ।
शिक्षा से न नौकरी मिल रही और न स्वरोजगार
समापन सत्र के मुख्य अतिथि उत्तराखण्ड मुक्त वि श्वविद्यालय, हल्द्वानी (नैनीताल) के कुल सचिव और प्रबंध एवं वाणिज्य संकाय के निदेशक प्रोफेसर आर.सी. मिश्रा ने हिन्दी, संस्कृत, अंग्रेजी और उर्दू से मिश्रित अपने ओजस्वी वक्तव्य में कहा कि अगर हम भारत को विकसित राष्ट्र बनाना चाहते हैं तो हमें शिक्षा में प्राथमिकता के आधार पर आमूल-चूल परिवर्तन करना होगा। बेसिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा तीनों को परिवर्तित करने की जरूरत है। आज की शिक्षा छात्र छात्राओं को न तो नौकरी के काबिल बना रही है और न ही उन्हें स्वरोजगार लगाने के लिए प्रेरित कर पा रही है। हमें राजनीति में भी परिवर्तन करना होगा। राष्ट्रीयता की भावना का समावेश करना होगा। आज कोई भी एक ऐसा मुद्दा नही है जिसपर सभी राजनीतिक दल एक सहमत हो सकें। यही सबसे बड़ी विडम्बना है।
पर्यावरण प्रदूषण एक गंभीर समस्या
सेमिनार की अध्यक्षता करते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय के दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनोमिक्स में भूगोल विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर एस.सी. राय ने कहा कि पर्यावरण प्रदूषण एक गंभीर समस्या है। हम खेती में कुछ नया नहीं कर पा रहे हैं जबकि भारत कृषि प्रधान देश है। देश के अधिकतर हिस्से में गेहूँ, चावल और गन्ना ही मुख्य रूप से उगाया जाता है। इन तीन फसलों के सहारे ही कृषि में क्रांति नहीं की जा सकती है। अगर हम भारत को विकसित राष्ट्र बनाना चाहते हैं तो कृषि के क्षेत्र में नवीन तकनीक और नयी सोच को विकसित करना होगा। उन्होंने पेयजल की समस्या और जल स्तर के घटने पर भी चिंता जताते हुए तालाब, पोखर व नदियों के संरक्षण पर बल दिया।
नोटबंदी कर देश में क्रांति पैदा की
विशिष्ट अतिथि एम.जे.पी. रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय, बरेली के प्रबंध संकाय के डीन एवं अध्यक्ष प्रोफेसर पी.बी.सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नोटबंदी कर देश में क्रांति पैदा की और उनका डिजिटिलाइजेशन देश के विकास की एक कड़ी है। नोटबंदी से लोगों को काफी परेशानी हुई लेकिन इससे भ्रष्टाचार पर अंकुश भी लगा है।
देश की कर प्रणाली को मजबूत करना होगा
नजीबाबाद साहू जैन कालिज के वाणिज्य संकाय के अध्यक्ष और एसोसिएट प्रोफेसर ए.के. मित्तल ने कहा कि प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने जीएसटी लागू कर देश में एक बड़ी क्रांति की है। हालांकि जीएसटी में भी सुधार की प्रक्रिया जारी है। अगर हम भारत को विकसित राष्ट्र बनाना चाहते हैं तो देश की कर प्रणाली को मजबूत करना होगा और सभी को इसके महत्व को भी बताना होगा।
संसाधनों का संरक्षण जरूरी
के.एन.आई. सुल्तानपुर के वाणिज्य संकाय के भू.पू. अध्यक्ष डॉ. बी.के. झा ने कहा कि देश के विकास के लिए संसाधनों का संरक्षण जरूरी है। अगर हम सूरज की रोषनी को ऊर्जा के मुख्य स्रोत के रूप में देष भर में प्रयोग करना षुरू कर दें तो भारत को विकसित राष्ट्र बनने में कोई नहीं रोक सकता।
एस.एस. कालिज शहाजहांपुर के प्राचार्य डॉ अवनीष मिश्रा ने कहा कि देश में संसाधनों की कमी नहीं है बल्कि जरूरत संसाधनों का सही दिश में प्रयोग करने की है।
अतिथियों का सम्मान
महाविद्यालय प्रबंध कार्यकारिणी समिति के भूतपूर्व मंत्री सुमत कुमार जैन, प्राचार्या डॉ. वन्दना रानी गुप्ता, सेमिनार संयोजक डॉ. सुधांश शर्मा, डॉ. वी.बी. बरतरिया, डॉ. ए.के. रुस्तगी, डॉ. अनिल रायपुरिया, डॉ. बीना शर्मा, मयंक अरोड़ा, डॉ. नवनीत विश्नोई ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह व किट प्रदान किये और शॉल उढ़ाकर सम्मानित किया।
इस मौके पर भूतपूर्व प्राचार्य डॉ. एच.आर. सिंह, डॉ. कमलेश बहुगुणा, डॉ. पी.के. जैन आदि विशेष रूप से मौजूद रहे।
बढ़ता जातिवाद चिंताजनक
कार्यक्रम का सफल संचालन करते हुए सेमिनार के संयोजक डॉ. सुधांश शर्मा ने कहा कि बढ़ता जातिवाद, शिक्षा का गिरता स्तर, भाषा धर्म एवं राजनीतिक विचारों के आधार पर सामाजिक बंटवारा आदि भारत के विकास में बाधक है। अंत में प्राचार्या डॉ. वन्दना रानी गुप्ता ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए भारतीय सम्भ्यता, संस्कृति और संस्कारों के संरक्षण पर बल दिया। राष्ट्रगान के साथ सेमिनार का समापन हुआ।
शोध पत्र प्रस्तुत किए
इससे पूर्व तकनीकी सत्रों में डॉ.पी.के.जैन, डॉ. अशोक रुस्तगी, मनप्रीत डॉ. हरेन्द्र कुमार, अनिका, माहिरा, ईशिका, अनिशिका, काजोल, डॉ. प्रतिभा सारस्वत, गौरव, अर्शी, अनुज अग्रवाल आदि ने विभिन्न विषयों पर शोधपत्र प्रस्तुत किये।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन
17 फरवरी की रात्रि को महाविद्यालय में सेमिनार में आये प्रतिभागियों के सम्मान में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन भी किया गया। इसमें महाविद्यालय की प्रबंध समिति के मंत्री गिरीश चन्द्र अग्रवाल, जिला सूचना विज्ञान केन्द्र के तकनीकी निदेशक नलिन कौशिक, जिला कार्यक्रम अधिकारी तरुण वर्मा, प्राचार्या डॉ. वन्दना रानी गुप्ता अतिथि के रूप में मौजूद रहे।
इस मौके पर महाविद्यालय के छात्र छात्राआें और अमरोहा म्यूजिकल गु्रप की ओर से रंगारंग प्रस्तुति दी गयी। संचालन अमरोहा म्यूजिकल गु्रप के संरक्षक डॉ. सुधांश शर्मा ने किया।