डॉ. दीपक अग्रवाल की विशेष वार्ता
अमरोहा। पढ़ाई की कीमत वह अनपढ़ मां जानती थी, उसका तो बिना पढ़े गुजारा हो गया। लेकिन उसने बेटे को लगातार पढ़ने के लिए प्रेरित किया और उसकी प्रेरणा व बेटे की लगन का ही परिणाम रहा कि बेटा पढ़ता गया और मुकाम पर मुकाम हासिल करता गया। एक छोटे से गांव से निकल कर उसने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से एमबीबीएस किया। उसके बाद एमएस। वही होनहार बेटा इन दिनां अमरोहा में मुख्य चिकित्सा अधिकारी के पद पर सेवारत है।
जी हां ! हम बात कर रहे हैं, अमरोहा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रमेश चंद्र शर्मा की। सन शाइन न्यूज के एडिटर डॉ. दीपक अग्रवाल ने उनसे उनके कार्यालय में उनके संघर्ष, उस समय की शिक्षा और मौजूदा दौर में शिक्षा की हालत, मेडिकल के क्षेत्र में कैरियर आदि बिंदुओं को लेकर विस्तार से वार्ता की। पिता स्व. रामकुमार शर्मा की छोटी नौकरी होने के कारण उन्हें आर्थिक तंगी का सामना भी किया। उनकी पत्नी सरिता शर्मा बदायूं में इंटर कालेज में शिक्षिका हैं। बेटा अनुभव शर्मा दिल्ली सरकार के राजकीय पॉलीटेक्निक में प्रवक्ता हैं। पुत्रवधू श्रीमती सोनल शर्मा एमबीए हैं, वह गृहणी हैं। बेटी श्वेतांजलि शर्मा अमेरिका हैं और दामाद कनिष्क शर्मा अमेरिका में किसी कंपनी में प्रोजेक्ट मैनेजर हैं।पेश हैं उनसे हुई वार्ता के प्रमुख अंश-
असमौली के गांव में हुआ जन्म
संभल के ब्लाक असमौली के एक छोटे से गांव बेला में उनका जन्म हुआ। उनके पिता ट्यूबवैल आपरेटर थे। माता स्व. विद्या देवी अनपढ़ थी जो बेटे को लगातार पढ़ने को प्रेरित करती थीं। पिता की छोटी नौकरी होने के कारण घर में कई बार आर्थिक तंगी हो जाती थी।
गांव के प्राथमिक विद्यालय से बेसिक शिक्षा ली
डॉ. शर्मा ने बताया कि उन्होंने प्राथमिक शिक्षा चंदौसी तहसील के नरौली गांव के प्राथमिक विद्यालय से हासिल की। नरौली के कालेज से ही इंटर करने के बाद एसएम कालेज चंदौसी से बायो
गुप्र से बीएससी की।
एएमयू से किया एमबीबीएस
उन्होंने बताया कि 1977 में एएमयू अलीगढ़ की प्रवेश परीक्षा में दूसरा स्थान प्राप्त किया। यहां से 1982 में एमबीबीएस पूरा किया। 1986 में एमएस नेत्र रोग में किया।
मीरगंज में 1987 में चिकित्साधिकारी बने
डॉ. शर्मा ने बताया कि उन्हें दिसंबर 1987 में बरेली जिले के मीरगंज कस्बे में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बतौर चिकित्साधिकारी पहली नियुक्ति मिली। उसके बाद बरेली के जिला चिकित्सालय में नेत्र रोग विशेषज्ञ के रूम में सेवा की।
बागपत में सीएमएस पर पदोन्नति मिली
उन्होंने बताया कि 1996 में बरेली से बदायूं स्थानांतरण हो गया था। उसके बाद 2008 में बागपत सीएचसी में गए। वर्ष 2013 बागपत के जिला चिकित्सालय में सीएमएस पद पदोन्नति हुई।
नवंबर 2017 से अमरोहा में सीएमओ
डॉ. शर्मा ने बताया कि नवंबर 2017 को उन्होंने अमरोहा में
सीएमओ के पद पर कार्यभार ग्रहण किया।
हर टॉपिक को समझना जरूरी
उन्होंने छात्र-छात्राओं को सीख दी कि कुछ महत्वपूर्ण टॉपिक याद कर परीक्षा भले ही पास की जा सकती है, लेकिन प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता को हर टॅापिक को समझना और याद करना जरूरी होता है। विषय को गंभीरता के साथ पढ़ना चाहिए।
योग को दिनचर्या में शामिल करें
डॉ. शर्मा का मानना है कि योग जीवन जीने की कला है इसीलिए हमें इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए। अब हार्ट के चिकित्सक भी योग के महत्व को समझने लगे हैं। योग को चिकित्सा का हिस्सा बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि शासन की ओर से पहले जिले में फिर ब्लाक स्तर पर योग केंद्रों की स्थापना की तैयारी की जा रही है। योग के माध्यम से एकाग्रता का विकास भी होता है, जो छात्र-छात्राओें के लिए बहुत जरूरी है।
बीमारियों से दूरी को स्वच्छता जरूरी
उन्होंने बताया कि गंदगी से विभिन्न प्रकार की बीमारियां होती हैं अतः सभी की नैतिक जिम्मेदारी है कि अपने आस-पास के परिवेश को स्वच्छ रखें। कहीं भी गंदा पानी न जमा होने दें। कूड़े को उचित स्थान पर डालकर उसका निदान करें। पॉलीथीन बैग में भरकर कूड़ा नहीं फेंकना चाहिए।
बच्चे फल और सब्जी नियमित खाएं
डॉ. शर्मा ने बच्चों को बीमारियों से दूर रहने के लिए नियमित मौसमी फल, सब्जी और दाले खाने का भी संदेश दिया है। उनका मानना है कि अधिक फास्टफूड और कोल्ड डिं्रक का सेवन भी बीमारियों का कारण बनता है।
इंटरनेट का उपयोग ज्ञान प्राप्त करने में करें
उन्होंने बताया कि आज तमाम जानकारी इंटरनेट पर मौजूद हैं, जिनका उपयोग ज्ञान को बढ़ाने में करना चाहिए। लेकिन इंटरनेट का दुरुपयोग चिंता का विषय है। इससे बचना चाहिए। यह भी हकीकत है कि इंटरनेट और कंप्यूटर के संचालन के बिना आगे बढ़ना संभव नहीं है।
नियमित खेल भी जरूरी
डॉ. शर्मा मानते हैं कि स्वस्थ रहने के लिए बच्चों के लिए नियमित खेलना भी जरूरी है। वीडियो, मोबाइल और कंप्यूटर पर खेलना उचित नहीं ठहराया जा सकता है। बच्चां को मैदान में जाकर खेलना चाहिए।
देश में डाक्टरों की जरूरत
उन्होंने बताया कि छात्र-छात्राएं चिकित्सा के क्षेत्र में अच्छा कैरियर बना सकते हैं। देश में चिकित्सकों की बड़ी जरूरत है। पहले की तुलना में आज व्यावसायिक और तकनीकि शिक्षा में काफी सुधार हुआ है।