डॉ.दीपक अग्रवाल
अमरोहा। व्हाटसअप पर रेडीमेट पोस्टों को फारवर्ड करने से बचना चाहिए। अगर आप फारवर्ड करना भी चाहते हैं तो पहले उसकी हकीकत जान लेनी चाहिए।
इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता है कि इन दिनों सोशल मीडिया का महत्व और चलन अधिक बढ़ गया है। इससे जहां लाभ है तो हानि भी है। तमाम लोग फेक पोस्ट भेजकर मोबाइल कंपनियां को लाभ पहुंचा रहे। इसमें उन्हें भी कहीं न कहीं लाभ मिल रहा होगा। मैं कभी भी रेडिमेट पोस्ट उसकी तहकीकात जाने बिना फारवर्ड नहीं करता हूं। लेकिन 10 जून को किडनी संबंधी पोस्ट जो लखनऊ से मेरे पास आई थी भावुकता में अन्य ग्रुपों में पोस्ट कर गया।
जिसके बारे में मुझे मेरे मित्र आदरणीय फादर सहाय दास प्रबंधक सेंट मेरीज हापुड़ और बड़े भाई आदरणीय अशोक मधुप ब्यूरो चीफ अमर उजाला बिजनौर ने अवगत कराया कि यह पोस्ट फेक यानि फर्जी है। तब मुझे बड़ा दुख हुआ, मेरी वजह से एक फेक पोस्ट आगे बढ़ी।
उधर अमरोहा के सीएमओ डॉ. रमेश चंद शर्मा ने पिछले दिनों एक साक्षात्कार में मुझे बताया कि तमाम स्वास्थ्य संबंधी फेक पोस्ट वायरल होती रहती हैं। इनसे बचना चाहिए।
मेरा सभी से अनुरोध है कि रेडीमेट पोस्टां पर विश्वास न करें। उनकी हकीकत जानने के बाद ही उन्हें फारवर्ड करें। इससे अपना और दूसरों का कीमत समय भी बर्बाद होता है।