डॉ.दीपक अग्रवाल
अमरोहा। सोशल मीडिया पर मेरी अपील से मात्र दो घंटे में 100 अनजान व्यक्तियों ने रक्तदान की सहमति मुझे संदेश भेजकर और मोबाइल पर वार्ता कर दी। इससे सोशल मीडिया की अहमियत साबित होती है।
21 जुलाई 2018 को मेरे छोटे भाई अनुज अग्रवाल का कान के नीचे टयूमर का आप्रेशन एम्स ऋषिकेश में हुआ। सुबह आठ बजे उसे आप्रेशन के लिए ले गए। उससे एक दिन पहले डाक्टर ने रक्त का इंतजाम करने के लिए कह दिया था। उसका ब्लड ग्रुप ए पाजीटिव है। लिहाजा मैंने 21 जुलाई को सुबह करीब साढ़े आठ बजे अपने परिचितां और सोशल मीडिया के जिन ग्रुप से जुड़ा हूं, उनमें रक्त की जरूरत से संबंधी मैसेज भेजा।
मैसेज के 10 मिनट बाद ही अमर उजाला बिजनौर के प्रभारी श्री अशोक मधुप जी का फोन आया। बोले इंतजाम हो जाएगा। मैंने तुम्हारे मैसेज को फेसबुक पर सेंड कर दिया। फिर उन्होंने हमारे देहरादून रहने वाले एक प्रभावशाली रिश्तेदार का हवाला दिया और अन्यों के बारे में बताया।
उसके बाद देखते ही देखते यह मैसेज देश के कई प्रदेशों तक वायरल हो गया। फिर बिजनौर से ही चिंगारी के संपादक डॉ. सूर्यमणि रघुवंशी का फोन आया। उन्होंने चिंगारी के स्थानीय ब्यूरो चीफ श्री राजेश शर्मा को सहायता के लिए एम्स भेजा।
उसके बाद भाजपा हरिद्वार लोकसभा सोशल मीडिया प्रभारी श्री आशीष झा से वार्ता हुई। उन्होंने मेरे संदेश को अपने सोशल मीडिया ग्रुप पर सेंड किया। उसके बाद कई लोगों के फोन और संदेश मुझे मिले।
कई लोग अमरोहा से ऋषिकेश आने को तैयार
कई लोग अमरोहा से ऋषिकेश आकर रक्तदान को तैयार हो गए। जिनमें उल्लेखनीय हैं जज्बा फाउंडेशन के अध्यक्ष मोहम्मद इकबाल खां, जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष विकास चौहान, प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला महामंत्री मुकेश चौधरी, हेडमास्टर सत्यपाल सिंह इसके अलावा कई सज्जन और भी हैं।
इनका सहयोग भी उल्लेखनीय
बरेली के बीईओ योगेश कुमार, बदायूं के एडीएम के पेशकार रिजवी, बदायूं के मनोज शर्मा, बिजनौर के पत्रकार प्रदीप भटनागर, नूरपुर के पत्रकार डा. लोकेंद्र त्यागी, दून विश्वविद्यालय देहरादून के प्रोफेसर नितिन, शिक्षक पंकज आर्य, हरिद्वार के दीपक प्रजापति, मनीषा सूरी व पराग सक्सेना, मनीषा वर्मा श्यामपुर, विनोद कुमार आदि समेत अन्यों का भी सहयोग भी उल्लेखनीय है।
राजस्थान, मध्यप्रदेश और बिहार से फोन
राजस्थान हनुमान गढ़ से सचिन, इंदौर मध्यप्रदेश से निर्मल शर्मा, पटना बिहार से प्रकाश ने फोन कर हौसला बढ़ाया।
यह सिलसिला 21 जुलाई को रात 9 बजे तक चलता रहा। कई लोगों के फोन आए और व्यवस्था के बारे में जानकारी ली।