डॉ.दीपक अग्रवाल
अमरोहा। कर्मशीलता का सिद्धांत प्रतिपादित करने वाले योगीराज श्री कृष्ण के जन्मदिन की सभी को बहुत बहुत मंगलकामना और शुभकामनाएं। समूचे देश समेत विश्व के कई देशों में श्री कृष्ण के जन्म दिन की धूम है। ऐसी मंगलबेला में आओ हम श्री कृष्ण की शिक्षाओं को अंगीकार कर अपने जीवन को सफल बनाएं।
उत्सव मनाने हमारी संस्कृति का अंग है लेकिन इसकी आड़ में दिखावा और ढ़ोग उचित नहीं ठहराया जा सकता है।
इस तथ्य को नहीं झुठलाया जा सकता है कि कर्मशीलता की धुरी पर ही पृथ्वी टिकी ह ुई है।
कर्म ही पूजा है, कर्म में ही सफलता छिपी है और कर्म ही प्यार है। यह भी कटु सत्य है कि सफल व्यक्ति से सभी प्यार करते हैं और असफल व्यक्ति से सभी दूर भागते हैं।
श्री कृष्ण ने गीता में यही उपदेश दिया है कि हमारा अधिकार केवल कर्म पर है चाहे फल कुछ भी मिले। फल तो उस शक्ति के हाथ में जिससे हम विभिन्न नामों से पुकारते हैं।
आओ जन्माष्टमी पर,
हम कर्मशील बनने,
जरूरतमंदों का सहयोग करने,
बुजुर्गों का सम्मान और सेवा करने,
हमें जो भी कार्य मिला है उसे निष्ठा के साथ करने,
ईष्या से दूर रहने,
सहयोगियां का सहयोग करने,
अंहकार से दूर रहने का संकल्प लें।