डाॅ.दीपक अग्रवाल
अमरोहा। (सन शाइन न्यूज )।
सीएम श्री योगी आदित्य नाथ जी। सूबे में विभिन्न अवसरों पर स्कूल और कालेजों में होने वाले अवकाश को लेकर भेदभाव बरता जा रहा हैं। किसी मौके पर एक जिले मंे अवकाश कर दिया जाता है और कहीं नहीं किया जाता हैं।
30 अक्तूबर को चेहलुम है यह अवकाश माध्यमिक विद्यालय मेें कर दिया गया है अमरोहा और इलाहाबाद समेत अन्य जिलों में अवकाश है लेकिन बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में नहीं है। ऐसा क्यों है यह विचारणीय है। इसी तरह 24 अक्टूबर को वाल्मीकि जयंती का अवकाश बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में किया गया लेकिन माध्यमिक विद्यालयों में नहीं किया गया।
इस संबंध में माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष डाॅ.जीपी सिंह का कहना है कि अवकाश को लेकर इस तरह भेदभाव नहीं होना चाहिए।
डीएम को अवकाश का अधिकार
अवकाश की यह विसंगति नई नहीं है करीब दो दशकों से ऐसा हो रहा है जिसका मुझे संज्ञान है। इस संबंध में मैंने एक बार तत्कालीन शिक्षा निदेशक बेसिक दिनेश चंद कन्नौजिया से बात की थी तो उनका कहना था कि क्षेत्र की जरूरत के मुताबिक जिलाधिकारी को अवकाश का अधिकार दिया गया है।
डीएम के यहां पैरवी आसान नहीं
अब अवकाश को डीएम का विवेक जगाना आसान नहीं होता हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक और बीएसए अवकाश की फाईल डीएम के यहां भिजवा देते हैं। अगर पैरवी सही हो गई तो अवकाश हो जाता है वरना टाय-टाय फिस।