डाॅ.दीपक अग्रवाल
अमरोहा (सन शाइन न्यूज )।
देशभर में विजयदशमी के पर्व की धूम हैं। इस पर्व की आपकों बहुत-बहुत शुभकामनाएं। सभी जानते हैं कि यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप मंे मनाया जाता है। रावण बुराई का प्रतीक है।
आज सुबह मैंने अपने कक्षा 9 में पढ़ने वाले बेटे सार्थक से पूछा, शाम को रामलीला में रावण दहन देखने चलेगा। तो उसका उत्तर था उसे क्या देखना स्वयं को देख लो और सामने वाले को देख लो रावण नजर आ जाएगा। एक बालक ने यह आध्यात्म से भरा गूढ़ रहस्य कितनी सहजता से बयां कर दिया। जिस पर चिंतन को मैं विवश हो गया। सारी रामलीला और उसका चरित्र मेरे दिमाग में घूम गया।
आज हमारे भीतर रावण रूपी बुराइयों का अंबार लग गया है। जिनका खात्मा करने की जरूरत है। काम, क्रोध, लोभ, मोह और माया रूपी विकार में हम जकड़ गए हैं।
इसके अलावा हमारा रहन सहन और खानपान भी विकारों से घिर गया है। रात को 10 बजे के बाद खाना और रात को देर से सोकर सुबह देर से उठना विकार ही पैदा करता है। जिसका परिणाम गंभीर बीमारी के रूप में सामने आता है। आज इन विकारों से भी लड़ने की जरूरत है। यही वजह कि आज समाज में हर दूसरा व्यक्ति किसी न किसी बीमारी से पीड़ित हैं। दिन की शुरूआत दवाइयांे से होती हैं। हालात यह हो गए हैं खाने से पहले दवा और खाना खाने के बाद दवा। सोने से पहले दवा और सोकर उठते ही दवा। इस दवा रूपी रावण पर अंकुश की जरूरत है।
आओ इस विजयदशमी पर हम स्वस्थ बनकर समाज और राष्ट्र को भी सशक्त बनाएं।