डाॅ.दीपक अग्रवाल
ऋषिकेश के रामझूला से (सन शाइन न्यूज )।
शारदीय नवरात्रांे की सभी को शुभकामनाएं। साथ ही मैं मातृ शक्ति और बेटियों के संरक्षकों यानि उनके माता-पिता का नमन भी करता हूं। किसी ने ठीक कहा है महात्मा होना आसान है लेकिन महिला बनकर फर्ज निभाना कठिन। हकीकत में मातृ शक्ति के रूप में मां, बेटी, बहन, दादी और नानी का कर्ज अदा करना किसी के बसकी बात नहीं है।
10 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रों का शुभारंभ हो गया हैं मां भगवती के विभिन्न स्वरूपों की पूजा के लिए देशभर में बड़े बड़े पंडाल सजाए गए हैं। घरों में भी घटों की स्थापना कर मां भगवती का आह्वान किया गया है।
सुबह से ही मोबाइल पर नवरात्रांे की शुभकामनाओं के मैसेजांे का आना शुरू हो गया है। सूबे के तीन बड़ों अधिकारियों के शुभकामनाओं के संदेशों का जवाब देने के बाद हमारे मित्र बलिया के डिप्टी कलेक्टर श्री गम्भीर सिंह के शुभकामना संदेश न तबीयत ठीक न होने के वाबजूद यह लेख लिखने का हौसला प्रदान किया।
नया विचार नई ऊर्जा फाउंडेशन आॅफ इंडिया के प्रेरणास्रोत्र हमारे मित्र बलिया के डिप्टी कलेक्टर श्री गम्भीर सिंह ने लिखा है कि शक्ति के नौ रूपों की वास्तविक पूजा तब है जब हम कम से कम 9 बेटियों को शिक्षा से जोड़कर उनकी जिंदगी में सच में परिवर्तन लाएं। उनको पुस्तकें, बैग, उनकी फीस में मदद हो तब आपको हार्दिक शुभकामनाएं। हम सभी को इस पर विचार करना चाहिए। मेरा मानना है कि हमें देवियांे की पूजा करने के साथ-साथ घरों में मौजूद देवियों अपनी मां, बेटी, पत्नी, बहन, दादी और नानी का सम्मान करना चाहिए। तभी हमारी पूजा सार्थक होगी।
इस मौके पर मैं उन सभी माता-पिता का भी नमन करता हूं। जिनके बेटियां हैं। वे अभिनंदन के पात्र हैं।