डाॅ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा ( सनशाइन न्यूज )। उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के गांव माधोपट्टी यानि माधवपट्टी में अधिकारी पैदा होते हैं। यह ऐसा गांव है जहां से देश को कई आईएएस और अन्य ऑफिसर मिले हैं। इस गांव में केवल 75 घर हैं, यहां के 47 आईएएस अधिकारी विभिन्न विभागों में सेवा दे रहे हैं। इस गाँव का योगदान सिर्फ यहीं खत्म नहीं होता, माधोपट्टी की धरती पर जन्मे सपूत आईपीएस, पीसीएस, इसरो, भाभा,और विश्व बैंक तक में अधिकारी हैं।.
अजनमेय सिंह विश्व बैंक मनीला में
यह गाँव सिरकोनी विकास खण्ड का एक छोटा सा हिस्सा है मगर देश के प्रशासनिक खंड में यह गाँव एक बड़ा हिस्सा कवर करता है। इस गांव के अजनमेय सिंह विश्व बैंक मनीला में, डॉक्टर निरू सिंह लालेन्द्र प्रताप सिंह वैज्ञानिक के रूप भाभा इंस्टीट्यूट तो ज्ञानू मिश्रा इसरो में सेवाएं दे रहे हैं।
देवनाथ सिंह गुजरात में सूचना निदेशक
यहीं के रहने वाले देवनाथ सिंह गुजरात में सूचना निदेशक के पद पर तैनात हैं.। 1952 में इस गाँव के इन्दू प्रकाश सिंह का आईएएस परीक्षा में दूसरी रैंक के साथ सलेक्शन के बाद युवाओं में अफसर बनने की चाह पनप गई।
इन्दू फ्रांस कई देशों में भारत के राजदूत रहे
आईएएस बनने के बाद इन्दू प्रकाश सिंह फ्रांस सहित कई देशों में भारत के राजदूत रहे। सिंह के बाद इस गांव के चार सगे भाइयों ने आईएएस बनकर एक इतिहास रच दिया जो भारत में अब तक अविजित कीर्तिमान है।
चार सगे भाई आईएएस
इन चारों सगे भाइयों में सबसे बड़े भाई विनय कुमार का चयन 1955 में आईएएस की परीक्षा मे ं13वीं रैंक के साथ हुआ। विनय बिहार के मुख्यसचिव पद तक पहुंचे। 1964 में उनके दो सगे भाई क्षत्रपाल सिंह और अजय कुमार सिंह एक साथ आईएएस बने। क्षत्रपाल सिंह तमिलनाड् के प्रमुख सचिव रहे.। वहीं चैथे भाई शशिकांत सिंह 1968 में आईएएस बने।.
गरिमा आईपीएस
सिर्फ बेटे ही नहीं इस गाँव की बेटियां गरिमा सिंह आईपीएस और सोनल सिंह का चयन आईआरएस में हुआ।.इसके अलावा इस गांव की आशा सिंह 1980, उषा सिंह 1982, कुवंर चद्रमौल सिंह 1983 और उनकी पत्नी इन्दू सिंह 1983, अमिताभ बेटे इन्दू प्रकाश सिंह 1994 आईपीएएस उनकी पत्नी सरिता सिंह 1994 में आईपीएस बने।
इसी गाँव के श्री प्रकाश सिंह वर्तमान में उ.प्र.के नगर विकास सचिव हैं.। 2002 में शशिकांत के बेटे यशस्वी न केवल आईएएस बने बल्कि इस प्रतिष्ठित परीक्षा में 31 वीं रैंक हासिल की।
पीसीएस अधिकारियों की लंबी सूची
बलिया के उपजिलाधिकारी गम्भीर सिंह ने बताया कि माधवपट्टी गांव से बड़ी संख्याा में पीसीएस अधिकारी बने हैं । इस गांव के राममूर्ति सिंह, विद्याप्रकाश सिंह, प्रेमचंद्र सिंह, महेन्द्र प्रताप सिंह,जय सिंह, प्रवीण सिंह व उनकी पत्नी पारूल सिंह, रीतू सिंह पीसीएस अधिकारी हैं इनके अलावा अशोक कुमार प्रजापति,प्रकाश सिंह,राजीव सिंह,संजीव सिंह,आनंद सिंह,विशाल सिंह व उनके भाई विकास सिंह,वेदप्रकाश सिंह,नीरज सिंह भी पीसीएस अधिकारी बने चुके हंै। उन्होंने बताया कि 2013 के आए परीक्षा परिणाम में इस गांव की बहू शिवानी सिंह उनकी बैच मेट ने पीसीएस परीक्षा पास करके इस परम्परा को जीवित रखा है।