डाॅ.दीपक अग्रवाल
अमरोहा (सन शाइन न्यूज )।
दीपावली का नाम जहन में आते ही चारों ओर खुशियां नजर आने लगती हैं। हर कोई अपने स्तर से घरों को साफ कर सजाता है। हर तरफ सजे हुए घर और हर ओर प्रकाश ही प्रकाश। उपहारों का आदान प्रदान, खूशी से झूमते हुए बच्चों का शोर नजर आता है। लेकिन ये सभी खुशियां तभी अच्छी लगती हैं जब हम सकारात्मक होते हैं।
इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता है कि अगर हम सकारात्मक हैं तो हर तरफ हमें अच्छा ही नजर आता है और अगर हम सकारात्मक नहीं है तो दुनिया भर की खुशियां हमारे लिए बेकार हैं।
दीपावली पर हम दीये जलाकर अंधकार मिटाने का प्रयास करते हैं जबकि असली जरूरत अपने भीतर के अंधकार को मिटाने की है।
जिन्होंने किसी न किसी रूप में हमारा सहयोग कर हमे आगे बढ़ने में मदद की है, उन्हें याद करना चाहिए। सहायता करने वाले लोगों की वजह से ही हमारी जिंदगी रोशन होती है। इसीलिए हमें भी जरूरतमंदों की सहायता कर उन्हें आगे बढ़ने में सहयोग करना चाहिए। जिससे उनकी जिंदगी में भी उजाला हो सके।
साथ ही दीपावली का पर्व हमें उत्साह और उमंग से जीवन जीने की प्रेरणा देता है। कुल मिलाकर निष्कर्ष यही है कि जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए सकारात्मक सोच, उत्साह और उमंग का होना जरूरी है।
आओ इस दीपावली पर हम सकारात्मक सोच, उत्साह और उमंग को जागृत कर खुशहाल जीवन जीने का संकल्प लें।