अशोक मधुप ( नेपाल से लौटकर)/सनशाइन न्यूज
अगर नेपाल घूमने जाने का मन है तो कुछ सतर्कता जरूर रखें। यहां के कठोर यातायात नियम के कारण आप परेशानी में पड़ सकतें हैं। नेपाल सरकार के सूचना तंत्र के अनुसार वायुयान से दुनिया भर से आठ लाख से ज्यादा पर्यटक नेपाल आते हैं। इनमें सबसे ज्यादा 20 प्रतिशत भारतीय हैं। भारतीयों के सड़क मार्ग से आने जाने पर कोई रोक नहीं है। इसलिए सड़क मार्ग से आने वालों की भारतीय पर्यटकों की संख्या इससे भी कई गुना ज्यादा है। यह भी अटल सत्य है कि नेपाल के बाजारों में भारतीय सामान की धूम है।
नेपाल में यातायात नियम कठोर हुए
पिछले समय में नेपाल में यातायात नियम कठोर हुए हैं। जैबरा क्रासिंग से अलग रास्ता पार करने पर जुर्माने की व्यवस्था है। गाड़ी के गलत हो जाने पर जुर्माना और जेल दोनों हो सकतें है। सड़क किनारे लगे सीसी कैमरे आप पर नजर रख रहें है। जरा सी चूक पर परेशानी में पड़ सकतें हैं।
जुर्माना संग वाहन भी सीज
गलत वाहन चलाने पर नेपाल पुलिस जुर्माना करने के साथ वाहन सीज कर देती है। जुर्माना पूरे नेपाल में एक ही बैंक में जमा होता है। एक बैंक होने के कारण प्रतिदिन जुर्माना जमा करने वालों की लंबी लाइन होती है । इस पर तुर्रा यह है कि जुर्माना भी उसी व्यक्ति को जमा करना होता है, जिसका चालान हुआ हो। बैंक कर्मी चालान होने वाले की आईडी देखकर जुर्माना जमा करता है।
पुलिस एक घंटा काउंसलिंग भी करती
इतनी मशक्कत के बाद नेपाल पुलिस चालान होने वाले की कांउसलिंग करती है।उसे समझाती है कि उसने क्या गलती की? ऐसा करने से क्या हो सकता है? एक घंटे की काउंसलिंग की यह बहुत कष्टप्रद और उबाऊ प्रक्रिया है। इससे बचने के लिए अच्छा यह है कि आप नेपाली यातायात नियम का अध्ययन कर वहां जाए। उनका पूरी तरह पालन करें। ये भी हो सकता है कि आप बार्डर से नेपाली वाहन किराए लें लें। या नेपाल चालक ।
पांच सौ और दो हजार के नोट धड़ल्ले से चलते
भारत का विदेश और नेपाल का पर्यटन विभाग कहता है कि नेपाल में भारत का पांच सौ और दो हजार का नोट नहीं चलता। सलाह दी जाती है कि सौ और उससे नीचे के नोट ही लेकर जांए। जबकि ऐसा नहीं है। महात्मा बुद्घ की स्थली लुंबनी पर तो वहां के प्रवेश टिकट बेचने वाले ने हमारे साथी को दो हजार के नोट के छुट्टे करके दिए। कई जगह हमने पांच सौ का नोट चलाया।
मोबाइल एटीएम मौजूद
मनोकामना मंदिर जाने के लिए उड़नखटोले का टिकट लेने के स्थल पर जरूर पांच सौ और दो हजार का नोट न चलने का आदेश अंकित था। वैसे अब नोट लेकर जाने की जरूरत नहीं। बैंक का एटीएम कार्ड सब जगह मान्य है। कांठमांडू में तो
पशुपतिनाथ मंदिर के बाहर काठमांडू स्टेट बैंक की चलती फिरती एटीएम हमें मौजूद मिली। उसके स्टाफ का कहना था कि एक बार में भारतीय करेंसी के 25 हजार के नोट निकाले जा सकतें हैं। नेपाल में भारत के एक सौ रुपये 160 में चलतें हैं।
95 प्रतिशत माल भारत का बना
कहीं भी जाते समय प्रश्न उठता है कि वहां जाकर क्या खरीदा जाए। मैं एक चीनी होटल में पिछले दिनों टिका था। वहां के एक मैनेजर से मैने पूछा कि क्या खरीदा जाए। उसने कहां कुछ नहीं। 95 प्रतिशत माल आपके देश भारत का बना है, यह एक रुपये का बीस या ज्यादा रुपये में मिलेगा। पांच प्रतिशत सामान चीन का बना है। चीन के सामान की दुकान से उतरने के बाद कोई गांरटी नहीं है। इस बार पशुपतिनाथ मंदिर के सामने दुकान करने वाली विजय नाम की एक लड़की ने भी यहीं बताया।
( श्री अशोक मधुप भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के जनपद बिजनौर निवासी हैं और जाने माने वरिष्ठ पत्रकार हैं। इन दिनों वह अमेरिका में है। अमेरिका जाने से पूर्व उन्होंने नेपाल का दौरा किया था। यह रिपोर्ट उन्होेंने अमेरिका के टेम्पा शहर से भेजी है जहां वह रह रहे हैं। आभार: डाॅ. दीपक अग्रवाल-संपादक सन शाइन न्यूज )