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ब्रहमाकुमारी अर्चना तनाव मुक्त जीने की कला सीखा रहीं

डाॅ. दीपक अग्रवाल की विशेष वार्ता
अमरोहा। ( सन शाइन न्यूज)
तनाव आज की सबसे बड़ी समस्या है जो विभिन्न बीमारियों बीपी, हार्टअटैक, डायबिटीज जैसी घातक बीमारियों का कारण है। प्रजापिता ब्रह ्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय माऊंटआबू के अमरोहा मंे मोहल्ला कोट में स्थित कंेद्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी अर्चना 20 साल से लोगों को व्यस्नों से दूर रहने और तनाव मुक्त जीवन जीने की कला सीख रही हैं।
सन शाइन न्यूज के प्रभारी डाॅं. दीपक अग्रवाल ने बीके अर्चना से उनके मिशन को लेकर विस्तार से वार्ता की। पेश वार्ता के प्रमुख अंशः
बीके अर्चना ने बताया कि प्रजापिता ब्रह ्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय एक आध्यात्मिक विश्वविद्यालय है, जिसका उद्देश्य ईश्वरीय ज्ञान और सहज राजयोग द्वारा वसुधैव कुटुम्बकम की भावना से ओतप्रोत नवीन विश्व को स्थापित करना है। यहां सभी जातियों के लोगों को समान शिक्षा प्रदान की जाती है।

20 साल पहले इस संस्था से जुड़ीं
उन्होंने बताया कि 20 साल पहले इस संस्था से जुड़ी और बचपन से ही आध्यात्मिकता मे रुचि थी, भक्ति पूजा पाठ व व्रत आदि करना अच्छा लगता था। लेकिन ये सब करते मन में बहुत सारे प्रश्न उठते थे। जैसे कि ईश्वर कौन है? यदि देवी देेवता ही भगवान हैं तो उनको शास्त्रों में लड़ते झगड़ते क्यों दिखाया गया है? आत्मा को अगर मोक्ष मिल जाए तो उसका अस्तित्व ही मिट जाएगा उससे क्या लाभ कि हम सृष्टि पर ही न आयें। इस प्रकार के अनेक प्रश्न उठते। संस्था से जुड़ने पर सब प्रश्नों का हल मिला। इसीलिए मन यहीं रम गया और ब्रहमचर्य का पालन करते हुए संस्था को जीवन समर्पित कर दिया।

बहुत सारे सकारात्मक परिवर्तन जीवन में आए
उन्हांेने बताया कि संस्था में आकर राजयोग के अभ्यास ( परमात्मा की याद) से बहुत सारे सकारात्मक परिवर्तन जीवन में आए। जैसे एकाग्रता का बढना, जिससे कॉलेज टाइम में पहले की अपेक्षा अच्छे मार्क्स आए, आत्मबल बढ़ा, किसी भी नए कार्य को करने के लिए, जीवन में बहुत सकारात्मकता, दृढता आई और जीवन में सच्ची खुशी, शान्ति, आनन्द का अनुभव हुआ। किसी भी परिस्थिति के समय भी कैसे स्थिर, शान्त रहें, यह सब अनुभव किया।

राजयोग से तनाव मुक्त जीवन
ब्रह्माकुमारी ने बताया कि आज वह यही सब शिक्षा अन्य लोगों का दे रही है। आज तनाव, अवसाद और आत्मबल की कमी के कारण तमाम बीमारियां पनप रही है। यही वजह है कि आत्महत्या का ग्राफ बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि हम बच्चों, युवाओं, युवतियांे और बुजुुर्गों को राजयोग के माध्यम से बेहतर और तनाव मुक्त जीवन जीने के कला सीखाते हैं। हमारे यहां धर्म और जाति को कोई बंधन नहीं है न ही किसी तरह की पूजन साम्रगी की जरूरत है। हर रोज सुबह को साढ़े छह बजे से मुरली और राजयोग की क्लास होती है।

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Dr. Deepak Agarwal
Dr. Deepak Agarwal is the founder of SunShineNews. He is also an experienced Journalist and Asst. Professor of mass communication and journalism at the Jagdish Saran Hindu (P.G) College Amroha Uttar Pradesh. He had worked 15 years in Amur Ujala, 8 years in Hindustan,3years in Chingari and Bijnor Times. For news, advertisement and any query contact us on deepakamrohi@gmail.com
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