डाॅं. दीपक अग्रवाल
अमरोहा। (सन शाइन न्यूज)
राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के उपलक्ष में जनपद न्यायालय के अधिवक्ताओं ने एक विचार गोष्ठी कर बड़ी धूमधाम के साथ उपभोक्ता दिवस मनाया। जिसमें केंद्र सरकार द्वारा पुराने उपभोक्ता कानून को बदल कर नया उपभोक्ता अधिनियम 2019 लागू किए जाने को एक सार्थक पहल के रूप में बताया। एक करोड़ तक की क्षतिपूर्ति का दावा जिला उपभोक्ता फोरम मंे किया जा सकता है।
उपभोक्ता दिवस मनाया
24 दिसंबरको जनपद न्यायालय परिसर स्थित अधिवक्ता विवेक नारायण शर्मा के चेंबर पर आयोजित विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए उपभोक्ता संबंधी मामलों के वरिष्ठ अधिवक्ता अतुल किशोर सक्सेना ने कहा कि 24 दिसंबर 1986 को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम देशभर में लागू हुआ था । इसलिए इस दिन को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के रूप में प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है । जबकि वर्तमान केंद्र सरकार द्वारा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 संशोधित कर लागू किया गया है । जिसमें उपभोक्ताओं को कई मामलों में राहत के साथ सेवा प्रदाता कंपनियों व संस्थानों की जवाबदेही सुनिश्चित की गई है ।
भ्रामक विज्ञापन एवं प्रचार-प्रसार भारी जुर्माना: मनु शर्मा
उपभोक्ता संबंधी मामलों के जानकार एवं अधिवक्ता मनु शर्मा ने कहा कि तीन दशक पूर्व आज ही के दिन उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 अस्तित्व में आया था । जबकि पुराने अधिनियम में कुछ नए बदलाव करते हुए सरकार ने नए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 में सेंट्रल रेगुलेटरी का भी गठन किया है । इस नए बदलाव से भ्रामक विज्ञापन एवं प्रचार-प्रसार करने पर भारी जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है । इसमें ई कॉमर्स फर्म और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को बेचने वाली कंपनियों के लिए भी सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं ।
प्रेशर कुकर फटता है तो क्षतिपूर्ति देनी होगी
अब नए कानून के अंतर्गत प्रत्येक जिले में एक करोड़ तक की क्षतिपूर्ति का दावा पीड़ित उपभोक्ता अपने जिले के जिला उपभोक्ता आयोग में कर सकते हैं । इसमें निर्माता कंपनियों की भी जवाबदेही सुनिश्चित की गई है । यहां तक कि यदि किसी उपकरण की खराबी के कारण कोई प्रेशर कुकर भी फटता है और उपभोक्ता को उससे कोई चोट लगती है । तो अब नए उपभोक्ता कानून के अंतर्गत उस कंपनी को ही क्षतिपूर्ति देनी होगी।
इस अवसर पर विचार व्यक्त किए
विचार गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार शर्मा एवं संचालन दिनेश सिंह ने किया । इस अवसर पर विवेक नारायण शर्मा, नरेश प्रजापति, राहुल महेश्वरी, अनीस अहमद, जीनत मलिक, असलम हुसैन आदि अधिवक्ताओं ने भी विचार व्यक्त किए ।