डाॅं. दीपक अग्रवाल
अमरोहा। (सन शाइन न्यूज)
मेरठ में बीएसएनएल में एसडीई के पद पर सेवारत सतेंद्र कुमार सिंह ने इस रचना में अपना शिक्षा के प्रति प्रेम प्रदर्शित किया है। उनकी पत्नी श्रीमती कृष्णा सिंह उच्च प्राथमिक विद्यलाय बटूपुरा ब्लाक गजरौला में सहायक अध्यापिका के पद पर सेवारत हैं। प्रस्तुत है रचनाः
सतेंद्र कुमार सिंह
एसडीई, बीएसएनएल
मेरठ।
क ख ग की रोशनी
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तुम मुझे क्या जानांेगे
सिर्फ तथ्यों को एकत्र कर
एक मुस्कराहट के साथ चले जाओगे।
मुझे जानना है,तो
मेरी तरह जी कर देखो
दिन के उजालों में।
स्वयं को मरते देखो,
आर्थिक आँकडों में मुझे मत दर्शाओ,
थोड़ा मेरे करीब आओ।
देखो मेरी आंखों के सूनेपन को,
त्वचा के खुरदरेपन को,
मिलो उस आदमी से
जिसके पास वक्त के सिवा कुछ नहीं है।
जो वक्त से लड़ता है,
पलों में जीता है,
समय, जिसके लिए रुक गया है।
परिवर्तन का नियम भी झुक गया है
अपने कँधो पर मुझे मत उठाओ
मुझे तुम चलना सिखाओ।
मुझे गोविंद नहीं, गुरु चाहिए
क, ख, ग की रोशनी चाहिए।