डाॅं. दीपक अग्रवाल
अमरोहा। (सन शाइन न्यूज)
कौन कहता कि आसमां में सूराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उझालो यारो। इन पंक्तियों को चरितार्थ किया है प्राथमिक विद्यालय तिगरी के हेडमास्टर जोगिन्द्र सिंह ने। उन्हांेने कूड़ाघर बने स्कूल का कलेवर बदल कर जिले में नहीं अपितु सूबे में पहचान दिलाई है।
जिला अमरोहा के दो परिषदीय स्कूलों का चयन राज्य पुरस्कार के लिए किया गया। प्राथमिक विद्यालय तिगरी और प्राथमिक विद्यालय कुदेनी। इनमें से प्राथमिक विद्यालय तिगरी की विशेषताओं को इस लेख में समेटने का प्रयास किया जा रहा। दूसरे लेख में प्राथमिक विद्यालय कुदेनी से परिचित कराया जाएगा।
प्राथमिक विद्यालय तिगरी को 15 वीं रैंक मिली
राज्य स्तर पर 100 विद्यालयों का चयन उत्कृष्ट विद्यालय पुरस्कार के लिए हुआ है। जिसमें तिगरी के स्कूल को 15 वीं रैंक मिली है। एक फरवरी को लखनऊ में होने वाले कार्यक्रम में दोनों ही विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों जोगिन्द्र सिंह एवं पंकज आर्य को सम्मानित किया जाएगा।
2015 को जोगिन्द्र सिंह बने प्रधानाध्यापक, जर्जर था स्कूल
14 अगस्त 2015 को जब प्रधानाध्यापक जोगिन्द्र सिंह ने प्राथमिक विद्यालय तिगरी का चार्ज संभाला था उस समय विद्यालय की स्थिति बहुत ही जर्जर थी। नामांकन और उपस्थिति भी बहुत कम थी। विद्यालय का भवन एक खंडहर की तरह था। अधिकतर खिड़की दरवाजे टूटे हुए थे। विद्यालय में तथा आसपास गन्दगी के ढेर लगे रहते थे। विद्यालय के गेट पर पशु बंधे रहते थे। विद्यालय में किसी भी तरह की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं थी। अभिभावक बच्चों को स्कूल में भेजना पसंद नहीं करते थे।
अथक प्रयास से जोगिन्द्र ने बदला स्कूल का कलेवर
पिछले 4 वर्षों में जोगिन्द्र सिंह ने स्वयं, स्टाफ, समुदाय तथा ग्राम प्रधान के सहयोग से विद्यालय को एक नई पहचान दिलाई है। विद्यालय में पिछले 3 वर्षों से स्मार्ट क्लास चलाई जा रही है।
ऑटोमेटिक स्कूल बेल सिस्टम
विद्यालय के संचालन के लिए ऑटोमेटिक स्कूल बेल सिस्टम लगाया गया है जिससे कि सुबह प्रार्थना से लेकर छुट्टी तक की सभी घंटियां अपने समय पर स्वतः ही बजती हैं। विद्यालय का भवन बहुत ही सुंदर और आकर्षक है जिसमें सुंदर-सुंदर पेंटिंग्स चार चांद लगाती हैं। ग्राम प्रधान ने आधुनिक शौचालयों का निर्माण तथा इंटरलॉकिंग करायी है। प्रधानाध्यापक ने कक्षाओं में पंखों तथा इनवर्टर की व्यवस्था की है।
आकर्षक टीएलएम और पुस्तकालय
आकर्षक टीएलएम और पुस्तकालय भी है। भरपूर खेल सामग्री है। स्वच्छता हेतु वॉलिंटियर्स डे का आयोजन होात है। प्रार्थना सभा में योगा एवं पीटी कराए जाते हैं। सामुदायिक सहयोग से बच्चों को स्टेशनरी, टी शर्ट, टाई बेल्ट आदि बांटा जाता है। विद्यालय का कार्यालय आकर्षक है। स्वच्छ पीने के पानी की व्यवस्था है। हाथ धोने के लिए मल्टीपल हैंडवाशिंग सिस्टम है।
गांव का एक प्राइवेट स्कूल बंद हुआ
जोगिन्द्र सिंह के कार्यभार संभालने के बाद से बढ़ते स्कूल के प्रभाव के कारण गांव में चल रहे प्राइवेट स्कूलों में से एक बन्द हो गया है और दूसरा भी बन्द होने के कगार पर पहुंच गया है।
राज्य स्तरीय योग प्रतियोगिता में अव्वल
विद्यालय में 380 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। सत्र 2019-20 में विद्यालय के छात्र छात्राओं ने जून 2019 में प्रदेश स्तर पर हुई योगा प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया है तथा फरवरी 2020 में होने वाली राज्य स्तरीय क्रीड़ा प्रतियोगिता के लिए जूडो एवं योगा प्रतियोगिता में चयनित हुए हैं। वर्ष 2016 से 2018 तक विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने राज्य स्तर पर खो-खो प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। 2019 में जनपद स्तर पर प्रधानाध्यापक जोगिन्द्र सिंह को उत्कृष्ट शिक्षक तथा प्राथमिक विद्यालय तिगरी को उत्कृष्ट विद्यालय का पुरस्कार मिल चुका है।
पुरस्कार को सभी का सहयोग: जोगिन्द्र
जोगिन्द्र सिंह का कहना है की राज्य स्तरीय उत्कृष्ट विद्यालय पुरस्कार के लिए चयन होना विद्यालय परिवार के लिए गौरव की बात है। इसमें समस्त स्टाफ, बच्चों, ग्राम प्रधान, अभिभावकों और विभागीय अधिकारियों का पूर्ण सहयोग रहा है।