डाॅं. दीपक अग्रवाल
अमरोहा। (सन शाइन न्यूज)
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक विद्यालय पचोकरा अंग्रेजी माध्यम की प्रधानाध्यापिका सीमा रानी की नारी के महत्व को इंगित रचना पेश हैः
शक्ति पुँज नारी
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हाँ मैं नारी हूँ, पर कभी नहीं हारी हूँ।
सैकड़ों प्रथाएँ परम्परायें पर, मंै उनसे लड़ी।
क्योंकि मैं नारी हूँ और कभी नहीं हारी हूँं।
इन पुरूषों की भीड़ में, चले जा रही हूँ।
यही मेरा जीवन है सर्वस्व है।
यही सोच खुद को छले जा रही हूँ।
पर अब बहुत हो चुका, मैं जाग गयीं हूँ।
अपनी शक्ति व क्षमता को, पहचान गयीं हूँ।
मैं शक्ति पुँज हूँ, जान चुकी हूँ।
अपनी असली सामथ्र्य, पहचान चुकी हूँ।
अपनी आगामी पीढी को, बचाना है।
प्यारी सी बेटियों को, सुगम जीवन दिलाना है।
क्योंकि मैं नारी हूँ, और कभी नहीं हारी हूँ।
आज भी मुझे अपने, अस्तित्व की तलाश है।
अपने आने वाले कल की प्यास है।
दुनियां के हर क्षेत्र को जान चुकी हूँ।
लेकिन आज भी निराश व उदास हूँ।
पर मैं नारी हूँ और कभी नहीं हारी हूँ।
पर हाँ मैं चलूँगीं और चलती रहूँगीं।
हाँ मैं लडूँगी और लड़ती रहूँगी।
क्योंकि मैं नारी हूँ और कभी नहीं हारी हूँ।