डाॅं. दीपक अग्रवाल
अमरोहा। (सनशाइन न्यूज)
पृथ्वी एवं व्यक्ति दोनों के तापमान को कम करने की आवश्यकता है इसी विचार को लेकर जिला मुख्यालय पर तैनात डिप्टी कलेक्टर मांगेराम चोहान ने नौगावां तहसील और धनौरा में तैनाती के दौरान सीआरपीसी की धारा 151 के अन्तर्गत प्रस्तुत किए जाने वाले अभियुक्तों और जमानती के लिए पौधारोपण अनिवार्य कर एक अभिनव पहल की है। जो आज भी अनवरत जारी है।
तापमान की धारा 144 लागू हो जाती
उन्होंने बताया कि 10 जून 2019 की सुबह एक राष्ट्रीय न्यूज चैनल पर चल रही एक खबर ने ध्यान खींचा, खबर थी पालम हवाई अडडा दिल्ली के पास पहले दिन का तापमान 50 सेन्टी ग्रेड। उस समय अपने गांव में गुजारे दिनों की याद आने लगी। जब दिन के समय बढ़े तापमान के कारण गांव एवं खेतों में दिन के 12 बजे से शाम के 4 बजे तक अद्योषित कफ्र्यू या यूं कहें तापमान की धारा 144 लागू हो जाती थी। उस दौरान सभी किसान मजदूर खेतों में काम करना बन्द कर अपने-अपने घरों में दुबक जाते थे अर्थात सूर्य भगवान द्वारा घोषित धारा 144 का अनुपालन बिना किसी पुलिस प्रशासन के अक्षरशः होता था।
उन्होंने बताया कि शायद उस समय गांव में तापमान 50 सेन्टी ग्रेड न होता हो लेकिन आज सुनी खबर ने मन मस्तिष्क को लू से प्रभावित कर दिया। मन भयभीत हुआ कि तापमान कफ्र्यू का काल और अधिक बढ़ तो नहीं जायेगा। आखिर तापमान कफ्र्यू कितना उत्पादन लीलेगा और गर्मी से बचाव के संसाधनों पर अत्यधिक खर्च बढ़ जायेगा। इसी विचार को लेकर तहसील नौगावां सादात जनपद अमरोहा कार्यालय में पहुंचा लगभग 2 बजे का समय था। तहसील क्षेत्र के थाना नौगावां सादात से शान्तिभंग की आशंका में आपसी विवाद करने वाले दो व्यक्तियों को सीआरपीसी की धारा 151 के अन्तर्गत मेरे समक्ष प्रस्तुत किया गया।
पृथ्वी-व्यक्ति दोनों के तापमान को कम करने की जरूरत
उनसे पूछताछ के समय उनके आपस में विवाद करने को देख कर मन में विचार कौन्धा कि तापमान तो इन व्यक्तियों का भी बढा हुआ है पृथ्वी के बढे तापमान और अभियुक्तों के बढे तापमान के दृष्टिगत मन मस्तिष्क ने कहा कि पृथ्वी एवं व्यक्ति दोनों के तापमान को कम किये जाने की आवश्यकता है। व्यक्ति का तापमान रचनात्मक काम देकर तथा पृथ्वी का तापमान पेड़ लगाकर कम किया जा सकता है, ऐसा विचार दिमाग में प्रस्फुटित हुआ। तभी जिलाधिकारी अमरोहा श्री उमेश मिश्र जी से सहमति एवं प्रोत्साहन पाकर अभियुक्तों को उनके स्वयं के खर्चे से पांच पेड तथा एक अभियुक्त के दो जमानतियों को एक-एक पेड लगाने की जिम्मेदारी दी गयी।
अभियुक्त एवं जमानती अपनी पसंद का पौधारोपण करते
अभियुक्त एवं जमानती सर्वप्रथम कार्यालय में रखे रजिस्टर में हस्ताक्षर कर पेड़ लगाने की शपथ लेंगे और अग्रिम तारीख पर पेड़ लगाते हुये फोटो दाखिल करेंगे। इस प्रकार पाबन्द मुचलका की यह कार्यवाही हरित मुचलका पाबन्दी में तब्दील हो गयी। अभियुक्त एवं जमानती अपनी पसन्द का फलदार अथवा छायादार पेड़ अपने घर पशुशाला अथवा खेत पर लगायेंगे। यदि इन स्थानों पर जगह नहीं है तो अपने पास की सरकारी भूमि, रास्ते के किनारे या राजस्व लेखपाल द्वारा चिहिन्त स्थल पर पेड़ लगायेंगे। इस हेतु तहसील स्तर पर रखी पंजिका में अपना मोबाईल नं. भी अंकित करेंगे। जिससे समय-समय पर उनके द्वारा लगाये गये वृक्षों की अद्यावधिक स्थिति जानी जा सके।
अब भी पौधारोपण जारी
उन्होंने बताया कि यह हरित जमानत बन्ध पत्र का कार्य तहसील नौगावां सादात की तैनाती के दौरान आरम्भ किया जो आज भी जारी है। तहसील धनौरा में भी अपनी तैनाती के दौरान मैंने उक्त पर्यावरण हितैषी कार्य को आरम्भ कराया, जो उक्त दोनों तहसीलों से मेरे स्थानान्तरण के बाद भी निरन्तर जारी है। इस कार्य से प्रभावित होकर तहसील आने वाले व्यक्तियों द्वारा भी स्वंय के खर्चे पर वृक्षारोपण का पवित्र कार्य आरम्भ किया गया। इस अभियान में अभी तक लगभग 8 हजार से अधिक पौधों का रोपण बिना सरकारी खर्च के जन सहयोग से किया गया है। इस कार्य को तहसील नौगांवा सादात में स्टैनो उपजिलाधिकारी नौगांवा सादात पंकज दीक्षित एवं तहसील धनौरा में नायब नाजिर राजेश कुमार द्वारा पूर्ण मनोयोग से किया जा रहा है।