डाॅं. दीपक अग्रवाल
अमरोहा। (सनशाइन न्यूज)
निसंदेह यह दुनिया अजीबो गरीब है। जिसकी लाठी उसकी भैंस कहावत आज भी चरितार्थ है। हालांकि कई मामलों में कोर्ट ने जिनकी लाठी मजबूत है उन्हें भी सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है। लेकिन ऐसे मामले बहुत कम है। दुनिया के बारे में राजकीय बालिका इंटर कालेज हसनपुर की शिक्षिका प्रीति चैधरी ने अपने अनुभवों को इस तरह पंक्तिबद्ध किया हैंः
दुनिया
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अजब ये दुनिया है
गजब ये दुनिया है
अमीरी में शोर
गरीबी में
खामोश ये दुनिया है।
साथ हो अपनांे का
तो खूबसूरत ये दुनिया है
दिखे न कोई अपना
तो बेकार ये दुनिया है।
बहार के मौसम में
सबा ये दुनिया है
दर्द तेरा गर देख लिया
तो शोला ये दुनिया है।
कोई करें प्यार बेशुमार
तो जन्नत ये दुनिया है
गर फरेब हो प्यार
तो दोजख ये दुनिया है।
शोहरत हो बेहिसाब
तो माहताब ये दुनिया है
फैला दिए गर हाथ
तो दुश्मन ये दुनिया है।
आपस में हो भाईचारा
तो महफूज ये दुनिया है
हो गया गर बँटवारा
तो खाक ये दुनिया है।
होंगी बेटियाँ घर में
तो चमन ये दुनिया है
हुई गर उनके अस्तित्व पर चोट
तो सहरा ये दुनिया है।
रखोगे खुद पर ऐतबार
तो रास्ता ये दुनिया है।
न रोक अपनी उड़ान अब
फलक तेरी दुनिया है।
प्रीति चैधरी, शिक्षिका
जीजीआईसी, हसनपुर।