डाॅ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा (सन शाइन न्यूज)
वैश्विक महामारी कोरोना के कारण लाॅकडाउन की वजह से वित्तविहीन स्कूलों की स्थिति फीस के अभाव में दयनीय हो गई। इससे आहत वित्तविहीन स्कूल प्रबंधक एसोसियेशन मुरादाबाद मंडल ने मुख्यमंत्री से वित्तविहीन स्कूलों की दयनीय आर्थिक स्थिति के चलते शिक्षकांे और कर्मचारियों को वेतन के भुगतान के लिए आर्थिक सहायता की गुहार लगाई है।
मंडलाध्यक्ष बसंत सारस्वत ने सीएम को भेजा पत्र
इस संबंध में वित्तविहीन स्कूल प्रबंधक एसोसियेशन मुरादाबाद मंडल के मंडलाध्यक्ष बसंत सारस्वत ने मुख्यमंत्री को मार्मिक और विन्रम अनुरोध के साथ पत्र भेजा है। इसमें उल्लेख किया गया है कि देश इस समय कोरोना महामारी से जंग कर रहा हैं। देश में लाॅकडाउन है। प्रदेश में वित्तविहीन स्कूल पूरे समर्पण भाव से शिक्षा के क्षेत्र में निर्णायक भूमिका निभाते हंै। आपको अवगत कराना है कि यह विद्यालय पूंजीपतियांे द्वारा संचालित न होकर समाज के जागरूक शिक्षा पे्रमियों ने जनसहयोग से स्थापित किए है।
विद्यालयांे में मामूली शुल्क लिया जाता
इन विद्यालयांे में मामूली शुल्क लिया जाता है। जो शिक्षकांे एवं कर्मचारियो के वेतन पर ही व्यय होता है । इन विद्यालयांे के संचालकांे की स्थिति भी कमोवेश शिक्षकांे जैसी ही हैं। आप अवगत ही हैंै कि जनवरी व फरवरी में वित्तविहीन स्कूल शीतावकाश बोर्ड परीक्षा तथा फिर होली अवकाश के कारण बंद रहे हंै। अधिकंाश विद्यालयों मे ं गृह परीक्षा से पूर्व ही कोरोना के कारण शिक्षण कार्य बंद हो चुके हंै विद्यालय नहीं खुलने के कारण जनवरी से अब तक आंशिक शुल्क ही विद्यालय को प्राप्त हुआ है। परिणामतः अधिकाश विद्यालय आर्थिक संकट की चपेट में हैं।
उधार लेकर दिया फरवरी और मार्च का वेतन
शिक्षकों-कर्मचारियांे को जैसे कर्ज आदी लेकर प्रबंधतंत्र ने फरवरी-मार्च तक वेतन का भुगतान किया है।। लेकिन वर्तमान परिस्थितियांे में अब आगे इन विद्यालयों की स्थिति वेतन देने योग्य नहीं है। सादर अग्रह है कि आर्थिक संकट से जूझ रहे वित्तविहीन स्कूलों एवं कार्यरत शिक्षक-कर्मचारियो की तत्काल आर्थिक सहायता करने की महति अनुकंपा करंे। आप से यह भी अनुरोध हैं कि वित्तविहीन स्कूलांे की स्थिति का वास्तविक मूल्यंाकन किये बिना वित्तविहीन आदेश जारी कर हमारा मानसिक उत्पीड़न करने वाले नौकरशाहों को भी ऐसा नहीं करने के लिए आदेशित करने का कष्ट करें।