डाॅ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/उत्तर प्रदेश। (सनशाइन न्यूज )
10 मई मातृ दिवस के रूप में मनाया जाता है, मां दुनिया का एक ऐसा अत्यंत शक्तिशाली शब्द है जिसका उच्चारण व लेखन अत्यंत सरल है लेकिन उसका निर्वहन करना उतना ही कठिन होता है । मां वह शब्द है जो बच्चा सबसे पहले बोलता है,मां के बिना पृथ्वी पर जीवन की उम्मीद नहीं की जा सकती अगर धरती पर मां न होती तो हम सभी का अस्तित्व भी ना होता।
मां मनुष्य के रूप में पृथ्वी पर एक ऐसी पवित्र आत्मा है, जो अपनी संतान के अच्छे जीवन के लिए इस हद तक समर्पित हैकि वह अपने सुख-दुख सब कुछ भूल जाती है और संतान के प्यार, स्नेह व उचित लालन-पालन के दायित्व के लिए दुनिया के हर एक नाते- रिश्ते को पीछे छोड़ देती है। हर विकट परिस्थिति से वो संतान की खातिर भिड़ने के लिए हर समय तैयार रहती है, हर संकट में वह संतान पर जान न्योछावर करने के लिए तैयार रहती है।
वैसे दुनिया में हर महिला की चाहत होती है कि वह मां के इस जीवन को जिए और उसके अलौकिक सुख का आनंद लें, क्योंकि सनातन धर्म में अन्य सभी धर्मों में माना जाता है कि हमारी धरा पर मां शब्द का धारण करने वाली ममता की प्रतिमूर्ति मां के इस नाम में हम सभी के पालनहार ईश्वर स्वयं वास करते हैं ।वैसे भी हमारे देश में आदि काल से लेकर आज के आधुनिक व्यवसायिक काल में भी मां को परिवार व समाज में सर्वोच्च स्थान प्राप्त है।
भारत में मां को संतान के प्रति निस्वार्थ जिम्मेदारी का निर्वहन करने वाली सच्चे त्याग- समर्पण, स्नेह, धैर्य, कोमलता , सहृदयता,क्षमाशीलता व सहनशीलता की प्रतिमूर्ति माना जाता है। वैसे भी मां को इस धरती पर ईश्वर की सबसे महत्वपूर्ण अतुलनीय कृति माना जाता है । आज के आधुनिक युग में भी संपूर्ण विश्व में एक नारी के रूप में जीवनदायिनी मां सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्य है कि वह अपनी संतानरूपी नई पौध के जीवन में संस्कारों के बीज डालकर उसकी नैतिक मूल्यों की जड़ों को परिपक्वता प्रदान करके सुसंस्कृत, सुसमृद्ध, सुदृढ़ करके देश का सुयोग्य नागरिक बनाएं। जिससे परिवार, समाज ,गांव ,शहर ,यहां तक कि देश भी अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर सके। वैसे हर महिला एक मां के रूप में इसके लिए अथक परिश्रम पर प्रयास करती है ।सत्य बात तो यह है कि मां से बढ़कर इस दुनिया में कोई भी रिश्ता नाता नहीं होता और यदि माने हो तो यह दुनिया एक वीरान उजाड़ रेगिस्तान से ज्यादा कुछ नहीं है।
( रेशु गुप्ता ईएमपीएस शेखूपुर झकड़ी विकास क्षेत्र हसनपुर में शिक्षिका हैं )