डाॅ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/उत्तर प्रदेश। (सनशाइन न्यूज)
उत्तर प्रदेश सरकार सभी को महँगाई भत्तों से जुलाई 2021 तक बंचित कर चुकी है। इससे पूर्व भी नगर प्रतिकर भत्ता, परिवार कल्याण भत्ता छीना जा चुका है। वेतनभोगी राज्य कर्मचारी भी यह सभी परिलब्धियाँ खो चुके हैं । पुनः 8 भत्तों से शिक्षक/कर्मचारियों की अलग – अलग श्रेणियों को बंचित किया जाता रहा है । यह सभी आदेश एक पक्षीय आधार पर वेतन भोगियों पर थोपे गये हैं।
यह कहना है माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष डाॅ. जीपी सिंह का है। उन्होंने बताया कि कोरोना के विरुद्ध संघर्ष में अपनी भागीदारी सम्मिलित करने के उद्देश्य से प्रदेश के शिक्षक एवं कर्मचारी अपना एक दिन का वेतन दे चुके हैं तथा सरकार को यह भी आश्वस्त किया जा चुका है कि आवश्यकता पड़ने पर भविष्य में भी इसी प्रकार योगदान किया जाता रहेगा ।
यह भी सभी साथियों को स्मरण है कि इस प्रकार के भी भक्ते तथा अन्य परिलब्धियाँ शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने अपनी एकता के आधार पर संघर्ष कर के तथा बलिदान दे कर अर्जित किया है। इन परिलब्धियों को छीनते समय सरकार ने किसी शिक्षक अथवा कर्मचारी संगठन से लेशमात्र भी परामर्श नही किया है। सम्पूर्ण स्थिति से क्षुब्ध एवं आक्रोशित कर्मचारी एवं शिक्षक समुदाय संघर्ष के मार्ग पर चलने के लिये बाध्य हैं ।
उन्होंने बताया कि उ.प्र. कर्मचारी/शिक्षक समन्वय समिति ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विचार विमर्श उपरान्त निर्णय लिया है कि इस प्रकार कर्मचारियों एवं शिक्षकों को परिलब्धियों से वंचित करने की सरकार की रीति नीति के प्रति अपना विरोध एवं आक्रोश
व्यक्त करने के उद्देश्य से 18 मई 2020 से 25 मई 2020 तक अपने कार्यस्थल पर काली पट्टियाँ बांधेंगे। यह संदेश कर्मचारी/शिक्षक समन्वयक समिति की बैठक के निर्णय के रूप में प्रसारित भी किया जा चुका है ।
कोरोना के कारण उत्पन्न विभिन्न प्रकार के व्यवधानों के रहते हुये
सम्भव है कि कुछ साथियों तक कर्मचारी – शिक्षक समन्वय समिति का यह निर्देश पहुँचने में विलम्ब रहा हो अथवा कोई अन्य बाधा उत्पन्न हुई हो । इसी उद्देश्य से उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ साथियों से अपील करता है कि काली पट्टी बांध कर विरोध प्रदर्शन में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।