डाॅं. दीपक अग्रवाल
अमरोहा। (सनशाइन न्यूज)
मुरादाबाद के एसआरपी विषय विशेषज्ञ देवेश कुमार चक्रवर्ती ने बताया कि शिक्षक इस क्षेत्र में आकर स्वयं को ही भूल गए हैं, वे भूल गए हैं कि उनके अंदर भी बहुत सी प्रतिभाएँ है। शिक्षण को बालकेन्द्रित बनाया जाना चाहिए। स्कूल व कक्षा का वातावरण आकर्षित और मित्रतापूर्ण हो। बच्चे के साथ घनिष्ठतापूर्ण व्यवहार होना चाहिए कि वह अपनी बात को बेझिझक बता सके। उसके अंदर जिज्ञासा जगानी होगी, ताकि वह अपने सवालों को पूछ सके और सीखने में रुचि लें।
वेबिनार का तीसरा दिन
17 जून को दस दिवसीय वेबिनार के तृतीय दिवस का शुभारंभ हेमा तिवारी और कंचन मलासी ने विषय विशेषज्ञ देवेश कुमार चक्रवर्ती के स्वागत से किया। सत्र का प्रारम्भ शिक्षिका संगीता के प्रेरक विचार इस दुनिया में असंभव कुछ भी नहीं, हम वह सब कर सकते है, जो हम सोच नहीं सकते और हम वह सब सोच सकते है, जो आज तक हमने नहीं सोचा से किया।
शिक्षक ही बच्चों की प्रतिभा निखारते
श्री चक्रवर्ती ने कहा कि शिक्षक ही वह व्यक्ति है जो बच्चे को एक अच्छा नागरिक और एक अच्छा इंसान बना सकता है। बच्चे की प्रतिभा को निखार सकता है। उसके मस्तिष्क का विकास कर सकता है। वह एक मार्गदर्शक की भूमिका भी अदा करता है।
बच्चों को व्यक्तिगत भिन्नता के अनुसार पढ़ाना चाहिए।बच्चों को उनकी आयु, दृष्टिकोण और भावनाओं के अनुसार पढ़ाना चाहिए। पढ़ाने के तरीके भी आयु और कक्षा के अनुसार भिन्न भिन्न होते हैं। इसी प्रकार कक्षा में बैठाने की व्यवस्था भी कक्षा के अनुसार भिन्न भिन्न होती है। उसी प्रकार,पढ़ाने की विधियांँ भी अलग अलग होती हैं। हमारा शिक्षण सक्रिय, रुचिपूर्ण और सृजनात्मक होना चाहिए। नीरस वातावरण नहीं होना चाहिए।कक्षा का वातावरण आनंददायक होना चाहिए।
जिज्ञासाओं का समाधान किया गया
प्रश्नोत्तर सत्र में प्रेरणा सक्सेना, मीनाक्षी वर्मा, नेहा गुप्ता, ममता, प्रियंका, शशि, नीतू, मोनिका, मनोज, हिना, आशा, आशिमा, अल्पना, सुमन आदि शिक्षकों के द्वारा प्रश्न किये गए जिनका समाधान किया गया।
डीसी मदन पाल ने हौसलाअफजाई की
इस मौके पर डीसी प्रशिक्षण मदनपाल ने विषय विशेषज्ञ देवेश कुमार, आयोजक हेमा तिवारी एवं सभी प्रतिभागी शिक्षकों को बधाई दी और प्रेरक पंक्तियाँ कहींः जब प्रत्येक व्यक्ति दीपक जलाता है, तभी रोशनी होती है। और जब किसी जंजीर की कड़ी कमजोर होती है, तब जंजीर टूट जाती है।
अल्पना ने पेश की कविता लीडर
शिक्षिका अल्पना यादव ने नेतृत्व पर स्वरचित कविता पेश कीः
एक लीडर ही सभी को सही राह दिखाता है।
एक लीडर ही होता है जो अच्छे बुरे का फर्क सिखाता है।
एक लीडर ही होता है जो दूसरो के गुणों को निखारता है।
एक लीडर ही होता है जो सबको अपने साथ जोड़े रखता है।
एक लीडर ही होता है जो दूसरों को भी सम्मान दिलाता है।
आयोजक हेमा तिवारी ने सभी आभार व्यक्त किया।