डाॅ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/उत्तर प्रदेश। (सनशाइन न्यूज)
27 जुलाई 2020 को श्री रामायण संकीर्तन मंडल रजिस्टर्ड अमरोहा के तत्वावधान में वासुदेव तीर्थ अमरोहा पर जाकर गोस्वामी तुलसीदास की जयंती उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर मनाई गई।
कोरोना के कारण नहीं हुए कार्यक्रम
हर वर्ष श्री रामायण संकीर्तन मंडल तुलसीदास जयंती पर अनेक कार्यक्रम करता है मगर इस बार इस महामारी कोविड-19 के चलते किसी भी कार्यक्रम को नहीं किया गया। सर्वप्रथम मंडल के अध्यक्ष चैनसुख गोले एडवोकेट ने सभी पदाधिकारियों के साथ मिलकर माल्यार्पण करा तत्पश्चात आरती कर भगवान का भोग लगाया गया। सभी कार्यक्रम सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए किये गए।
तुलसीदास हिंदी साहित्य के महान कवि थे
श्री गोले ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास (1511 – 1623) हिंदी साहित्य के महान कवि थे। इन्हें आदि काव्य रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि का अवतार भी माना जाता है। श्रीरामचरितमानस का कथानक रामायण से लिया गया है। रामचरितमानस लोक ग्रन्थ है और इसे उत्तर भारत में बड़े भक्तिभाव से पढ़ा जाता है। इसके बाद विनय पत्रिका उनका एक अन्य महत्त्वपूर्ण काव्य है। महाकाव्य श्रीरामचरितमानस को विश्व के 100 सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय काव्यों में 46 वाँ स्थान दिया गया। तुलसीदास द्वारा रचित 39 ग्रंथ बताए जाते हैं। जिसमें की रामचरितमानस, कवितावली, विनय पत्रिका, दोहावली, गीतावली, जानकी मंगल, हनुमान चालीसा, बरवै रामायण आदि विषयों में उल्लेखनीय है।
इस मौके पर मौजूद रहे
इस अवसर पर श्री रामायण संगठन मंडल के महामंत्री प्रतुल कुमार शर्मा, संयोजक संदीप रस्तोगी, अमित रस्तोगी, राजवीर यादव, प्रदीप भटनागर, कौशल शर्मा, संतोश लशकरी, पवन शर्मा, विपुल माली, आलोक शर्मा, अंकुर सक्सेना आदि मौजूद रहे।’