डाॅ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/उत्तर प्रदेश। (सनशाइन न्यूज)
लोकतंत्र सेनानी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में विभिन्न पदों पर सुशोभित रहे और अमरोहा के जानेमाने चिकित्सक डाॅ. हरिओम अग्रवाल का शिक्षा के प्रचार प्रसार में बड़ा योगदान रहा। यह बात 10 अगस्त को जेएस हिंदू पीजी कॉलेज अमरोहा के सुदर्शन सभागार में महाविद्यालय प्रबंधकारिणी समिति के पूर्व अध्यक्ष डॉ हरिओम अग्रवाल की स्मृति में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में वक्ताओं ने कही।
सिद्धांतों से नहीं डिगे कारावास में यातनाएं सहीं
इस अवसर पर प्रबंधसमिति के अध्यक्ष रमेश कुमार अग्रवाल ने कहा कि डॉक्टर हरिओम जी महाविद्यालय से लंबे समय तक जुड़े रहे तथा प्रबंध समिति के अध्यक्ष भी रहे। वे अपने मृदु व्यवहार तथा सरल -सहज स्वभाव के कारण समाज में हमेशा लोकप्रिय रहे। आपातकाल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के निष्ठावान स्वयंसेवक होने के नाते उन्होंने कारावास की यातनाएं भी भोगी किंतु उन्होंने अपने आदर्शों तथा सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किया वह हमेशा सच्चाई के मार्ग पर डटे रहे।
अनुशासन से कभी समझौता नहीं किया
प्रबंध समिति के मंत्री गिरीश चंद्र अग्रवाल ने कहा कि डॉक्टर साहब एक धर्मनिष्ठ व कर्तव्य परायण व्यक्तित्व थे। शैक्षिक ही नहीं, अपितु धार्मिक ,सामाजिक व सांस्कृतिक आदि सभी क्षेत्रों में उनकी एक खास छवि थी। वे समाज के विभिन्न संगठनों से निष्ठा पूर्वक जुड़े रहे। अपनी गंभीरता विश्वसनीयता तथा अनुशासन प्रियता के लिए वे सदैव जाने जाते रहेंगे।
हिंदुत्व के लिए समर्पित
प्रबंध समिति के कोषाध्यक्ष हरीश अरोड़ा ने डॉक्टर साहब को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से बाल्यकाल से लेकर जीवन के अंतिम क्षणों तक जुड़े रहे। उनका जीवन हिंदुत्व के लिए समर्पित था। संघ के निष्ठावान कार्यकर्ता होने के नाते उन्होंने राम जन्मभूमि सहित अनेक आंदोलनों में भाग लिया। विभिन्न प्रकार की आपदाओं में उन्होंने सहयोग के लिए बढ़-चढ़कर भाग लिया। वे संकटों के सामने कभी झुके नहीं बल्कि उनके विरुद्ध डटकर संघर्ष किया
समाज ने एक सच्चा पथ प्रदर्शक खो दिया
श्रद्धांजलि सभा में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. वीबी. बरतरिया ने कहा कि संघ दर्शन में उनकी गहरी आस्था थी। वे सादा जीवन उच्च विचार के जीवंत प्रतीक थे। उनके रूप में महाविद्यालय ने तथा समाज ने एक सच्चा पथ प्रदर्शक वा हितेषी खो दिया है।
इस मौके पर डाॅ. संजय शाही, डॉ एके रुस्तगी व राहुल मोहन माहेश्वरी आदि सहित अनेक जनों ने डा. साहब का भावपूर्ण स्मरण किया तथा उन्हें श्रद्धा सुमन समर्पित किए।