डाॅ. दीपक अग्रवाल
बिजनौर/उत्तर प्रदेश। (सनशाइन न्यूज)
अगर यह कहा जाए कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चपंत राय बिजनौर का गौरव हैं तो यह अतोशयोक्ति नहीं होगी। वह जनपद बिजनौर की तहसील नगीना के रहने वाले हैं।
भौतिक विज्ञान मंे एमएससी चंपत राय विद्यार्थी जीवन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए। उन्होंने कुछ समय शिक्षण भी किया और बाद में नौकरी और घर छोड़कर प्रचारक बन गए। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में विभिन्न पदांे पर रहे। 29 अगस्त, 1964 को मुंबई के संदीपनिश्रम में विश्व हिंदू परिषद का जन्म हुआ और तभी से चपंत राय को इस संगठन में जिम्मेदारी दी गई।
21 जुलाई, 1984 को अयोध्या के वाल्मीकि भवन में बैठक कर विहिप ने रामजन्मभूमि यज्ञ समिति का गठन किया। इसके अध्यक्ष उत्तर प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गुरु गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवैद्यनाथ को व महामंत्री दुर्गयाल खन्ना को बनाया गया, जबकि महंत रामचंद्रदास परमहंस और महंत नृत्यगोपाल दासजी को चुना गया। 1985 में विहिप ने मंदिर निर्माण से जुड़े आंदोलनों को फिर तेज किया और श्री रामजन्मभूमि न्यास का गठन किया, जिसकी कमान नृत्यगोपाल दास को सौंपी गई थी।
दूसरी ओर विश्व हिंदू परिषद के आंतरिक उपाध्यक्ष चंपत राय भी राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे हैं और आंदोलन में मुख्य भूमिका निभाई। 1985 में ही देशभर में मंदिर के लिए शिला पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। देशभर से शिलाओं का पूजन कराकर अयोध्या कार्यशाला में एकत्रित किया गया था। इस कार्यशाला का संचालन तभी से चंपत राय के निर्देशन चल रहा। जिसमें कारीगर शिलाओं को तराश रहे हैं।
अयोध्या में रहने के साथ-साथ चंपत राय विश्व ंिहंदू परिषद के दिल्ली और हरिद्वार स्थित प्रांतीय कार्यालय में भी प्रवास करते हैं। हरिद्वार में प्रवास के दौरान मेरी उनसे कई बार मुलाकात हुई। वह सरल और सिद्धांतवादी हैं। सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं करते हैं। संगठन में उनकी छवि निस्वार्थी, स्वष्टवादिता और प्रखर वक्ता के रूप है।
उनके त्यागमयी जीवन का इसी से अंदाज लगाया जा सकता है कि जिस व्यक्ति का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी सम्मान करते हों उसने अपने परिवार को इन संबंधों के आधार पर कोई लाभ नहीें दिलाया है।
वह निष्ठा और समपर्ण के साथ मंदिर निर्माण में योगदान कर रहे हैं। जो कि बिजनौर के लिए गौरव है।