डाॅ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/उत्तर प्रदेश। (सनशाइन न्यूज)
लोकतंत्र सेनानी, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में विभिन्न पदों पर सुशोभित रहे, आपतकाल में जेल और श्रीराम मंदिर आंदोलन में कंधे से कंधा मिलाकर काम करने वाले पेशे से चिकित्सक डाॅक्टर हरिओम अग्रवाल आज हमारे बीच नहीं हैं, उन्होंने तीन दिन पहले 5 अगस्त को श्रीराम मंदिर शिलान्यास के दिन अंतिम सांस ली। अब उनकी स्मृतियां ही शेष हैं। उनके चरित्र का एक महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि हिंदुत्व को समर्पित डाॅक्टर हरिओम अग्रवाल के मुसलमान भी कायल रहे। उनके क्लीनिक से बड़ी संख्या में मुस्लिम दवा लेते थे।
जुलाई 2000 में मैं अमर उजाला की मुरादाबाद यूनिट से अमरोहा कार्यालय बतौर स्टाफ रिपोर्टर स्थानांतरित किया गया। उन्हीें दिनों मुझे आरएसएस कार्यकर्ताओं पर स्टोरी लिखनी थीं। किसी ने डाक्टर हरिओम अग्रवाल का पता दिया। मैं उनसे मिलने उनके क्लीनिक पर गया। अपना परिचय दिया और उनसे बात करनी चाहिए। तब डाॅक्टर हरिओम अग्रवाल का जवाब था- अग्रवाल साहब मैं क्लीनिक पर संगठन की बात नहीं कर पाऊंगा, आप शाम को घर पर आएं। क्लीनिक पर मैं केवल चिकित्सक हूं। मैंने उस समय देखा वहां हिंदुओं से अधिक मुस्लिम मरीज बैठे थे। तब से अभी तक मेरे उनसे बड़े मधुर संबंध रहे और वह हमारे पारिवारिक चिकित्सक भी रहे। बीस साल के दौरान मैं कई बार उनके क्लीनिक पर गया और कभी भी मुस्लिम मरीजांे की संख्या में कमी नजर नहीं आई। हिंदुत्व को कभी उन्होेंने अपने पेशे पर हावी नहीें होने दिया।
विश्व हिंदू परिषद के नगराध्यक्ष डाॅक्टर हरिओम अग्रवाल के बेटे सिद्धार्थ अग्रवाल ने बताया कि उनके पिता ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय वाराणासी से एएमबीएस किया था। वह विद्यार्थी जीवन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए थे। जीवनभर संगठन से जुड़े रहे और तहसील, जिला और विभाग स्तर पर विभिन्न पदों पर रहे। आपातकाल में 21 महीने जेल रहे। श्रीराम मंदिर आंदोलन में भी बढ़चढ़ कर भाग लिया। 1990 में अयोध्या में कार सेवा के लिए जाते हुए रामपुर में हिरासत में ले लिए गए और जेल भेज दिए गए।
डाॅक्टर हरिओम अग्रवाल जगदीश सरन हिंदू पीजी कालेज, जगदीश सरन हिंदू इंटर कालेज की प्रबंध समिति मंे अध्यक्ष पद पर रहे। अमरोहा में सरस्वती शिशु मंदिर और नीमा के संस्थापक भी रहे। उनके राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद के बड़े बड़े पदाधिकारियों से संबध रहे लेकिन कभी भी संबंधों का लाभ नहीं उठाया।
29 जुलाई को उन्हें तबीयत खराब होने पर दिल्ली में सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती कराया गया। सिद्धार्थ अग्रवाल ने बताया कि 5 अगस्त को शाम को उनका निधन हो गया। 6 अगस्त को दिल्ली में ही पंचकुयिा में उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनका छोटा बेटा डाॅक्टर शालीन अग्रवाल और पुत्रवधू डाॅक्टर अपूर्वा अग्रवाल दिल्ली में चिकित्सक हैं। जबकि सिद्धार्थ अग्रवाल अमरोहा में ही व्यापार करते हैं। उनकी मां पुष्पा अग्रवाल भी उनके साथ ही रहती हैं।