डाॅ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)
कोरोना काल में सोशल मीडिया अभिव्यक्ति का सर्वाधिक सशक्त माध्यम बनकर उभरा है। केंद्र और सूबे की सरकार ने भी इसके महत्व को स्वीकार करते हुए इसे मान्यता प्रदान की है। मुख्यमंत्री का आईटी सैल अफसरों की कार्यप्रणाली का भी विश्लेषण कर रहा है। सोशल मीडिया पर निष्क्रिय अफसरों को महत्वपूर्ण पदांे पर तैनाती नहीं देना पर मंथन चल रहा है।
व्हाट्सअप और ट्वीटर को भी शिकायतांे को प्राप्त करने का माध्यम मान लिया गया है। मुख्यमंत्री कार्यालय से लगातार ट्वीटर के माध्यम से विभिन्न आदेशों और कार्यवाही की जानकारी दी जा रही है। इसके लिए मुख्यमंत्री का आईटी सैल काम कर रहा है। सूत्रों के अनुसार आईटी सैल अब अफसरों के सीयूजी मोबाइल नंबर पर नजर रखे हुए है। सभी अफसरों को इस नंबर पर व्हाट्सअप संचालित करने के आदेश हैं। कई अफसर निष्क्रिय मिले हैं वो व्हाट्सअप पर मिलने वाली शिकायतांे और सूचनाओं को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।
हालांकि व्हाट्सअप पर आने वाली ढ़ेरों सूचनाओं को देखना जटिल कार्य हैं लेकिन अब इसे भी अफसरों की योग्यता में शामिल कर लिया गया है।