डाॅ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)
अगर यह कहा जाए कि अमरोहा में आर्यसमाज की नींव की ईंट अमरोहा रत्न महाशय सत्य प्रकाश आर्य रहे तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। 28 अक्टूबर को 27 वीं पुण्यतिथि
आर्य समाज, अमरोहा के प्रांगण में स्थित भव्य यज्ञशाला में सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए विशेष यज्ञ का आयोजन कर श्रद्धासुमन अर्पित किए गए।
पर्यावरण की शुद्धि की कामना की
यज्ञ मुंबई से पधारे सन्यासी चैतन्य गिरी जी के ब्रह्मत्व में संपन्न हुआ। समाज में सुख,शान्ति, समृद्धि, स्वास्थ्य, दीर्घायु, यश, वैभव एवं पर्यावरण की शुद्धि की कामना की गई
मुख्य यज्ञमान विनय प्रकाश आर्य/अन्जू आर्या, नत्थू सिंह आर्य/सुब्रदा देवी, आर्येन्द्र आर्य/अमिता आर्या, राजनाथ गोयल/बाला गोयल रहे।
यज्ञ के अवसर पर आर्य जगत के सुप्रसिद्ध सन्यासी सत्यदेव पुरुषार्थी ने सभी उपस्थित आर्य जनों को आशीर्वाद से अभिसिंचित करते हुए सबके मंगलमय जीवन के लिए कामना की ।
श्वेत सन्यासी रहे तुम जिन्दगी के इस सफर में
इस अवसर पर महर्षि दयानंद द्वारा रचित अमर ग्रंथ सत्यार्थ प्रकाश का पाठन, आर्य समाज के नियम एवं संगठन सूत्र प्रस्तुत किए गए। महाशय सत्य प्रकाश आर्य की पुण्य तिथि के अवसर पर संरक्षक हरिश्चन्द्र आर्य ने कहा त्याग के मोती चुगे थे,विश्व के इस मानसर में, श्वेत सन्यासी रहे तुम जिन्दगी के इस सफर में ।
डाॅ. बीना आर्या ने महाशय सत्य प्रकाश आर्य के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को नमन करते हुए श्रदाजंलि अर्पित की। आर्य प्रतिनिधि सभा उत्तर प्रदेश के उप प्रधान राजनाथ गोयल, सरंक्षक हेतराम सागर, उप प्रतिनिधि सभा के मन्त्री विनय त्यागी ने कहा जिन्हांेने अपने व्यक्तित्व व कृतित्व से नया इतिहास लिखा ऐसे महामानव महाशय को शत शत नमन ।
सत्यार्थ प्रकाश का लोकार्पण
मन्त्री अभय आर्य ने पूज्य दादा जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को नमन करते हुए श्रदांजलि अर्पित की। आर्यवर्त केसरी के प्रबन्ध सम्पादक डाॅ. अशोक आर्य, डाॅ. बीना आर्या एवं समस्त आर्य जनों द्वारा महर्षि दयानन्द द्वारा रचित अमर ग्रन्थ सत्यार्थ प्रकाश का लोकार्पण किया गया। विनय प्रकाश आर्य ने आभार प्रकट किया ।
इस मौके पर मौजूद रहे
प्रधान नत्थू सिंह आर्य, सुरेश विरमानी, दिनेश चंद रस्तोगी, विनय त्यागी, सुभाष दुआ, नरेन्द्र कान्त गर्ग,यशवंत सिंह, राजीव यादव, करन सिंह यादव, सुख्खन सिंह यादव, सुनील कुमार, संजीव कुमार आदि उपस्थित रहे।