Thursday, November 21, 2024
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शिक्षिका मीनाक्षी वर्मा की लघुकथाः उपस्थिति/राशन

डाॅ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)
शिक्षिका मीनाक्षी वर्मा की लघुकथा एक ऐसी बालिका से जुड़ी है जो स्कूल जाना चाहती है लेकिन उसकी मां उसे घर के कामों में उलझा कर स्कूल नहीं जाने देती है। मीनाक्षी जी ने इस लघुकथा में छात्रा की उपस्थिति को सरकारी राशन की दुकान से मिलने वाले राशन से जोड़ने का नवाचार दिया है। ऐसा होने पर छात्रा की मां अब उसे स्कूल भेजने लगी हैः
राशन लघु कथा

नीतू, यह बासन (बर्तन) मांझ के रख दे और जल्दी से आटा मल कर चार रोटी सेक दे। तेरे बापू खेत पे को जाएंगे खाना खाकर। अंदर नीतू अपना बैग लगा रही थी। उसे स्कूल जाना था। वह गांव के ही एक प्राइमरी विद्यालय में कक्षा 5 में पढ़ती थी।
आवाज सुनते ही उसने उदास होते हुए अपना बैग एक तरफ उठाकर रख दिया और मां से बोली मां, आज टीचर जी नया पाठ पढ़ाएंगी, अगर मैं स्कूल नहीं जाऊंगी तो मुझे कुछ भी समझ में ना आएगा। उसकी बात बीच में काटते हुए उसकी मां बोली हां तू पढ़कर कोई कलेक्टर ना बन जाएगी बर्तन निपटा जल्दी से। नीतू जल्दी से बासन मांजने लगी सारा काम करते हुए 10 बज चुका था।
बैग लेकर स्कूल जाने लगी बोली मां मैं स्कूल जा रही हूं। मां बोली स्कूल में कौन सा पढ़ाई होत है जो कपड़े पड़े हैं वह धो ले। मैं भैंस को चारा डाल दूं। नीतू स्कूल नहीं जा पाई घर के कामों में ही लगी रही। अगले दिन सुबह जल्दी तैयार होकर स्कूल जाने लगी अम्मा ने उसे प्रतिदिन की तरह फिर से घर के कामों में लगा दिया। वह पढ़ना चाहती थी लेकिन मां बापू के काम ही खत्म नहीं होते थे।
नीतू कभी घर के काम को देखती थी। कभी अपनी किताबों को देखती थी और कभी अपने सपनों को मन ही मन निहारती थी । विद्यालय में बच्चों के नामांकन को देखकर सभी शिक्षिकाएं एवं प्रधानाचार्य भी चिंतित थे। ग्रामवासी पढ़ाई से ज्यादा अपने घरेलू कार्यों को महत्व देते थे। नीतू ने एक दिन मां से कहा मां, विद्यालय जाने पर ही राशन मिलेगा और हमारी टीचर कह रही थी कि अगर तुम प्रतिदिन विद्यालय नहीं आओगी सरकार की तरफ से मिलने वाला राशन कम हो जाएगा अब हमारी उपस्थिति जाया करेगी राशन कार्ड के साथ साथ। हमें हमारी उपस्थिति भी दिखानी पड़ेगी तभी जाकर हमें पूरा राशन मिलेगा।
नीतू की मां घबरा गई। भागी भागी प्रधानाचार्य के पास गई और बोली मास्टरजी कौन से नियम कानून पढ़ा रहे हैं आप, राशन नहीं मिलेगा यह कौन सी बात हुई? प्रधानाचार्य जी बोले महोदया सरकार ने नया नियम पारित किया है कि बच्चे की उपस्थिति के अनुसार ही राशन ग्राम वासियों को बांटा जाएगा। यदि आपका बच्चा आता है तो आपको पूरा राशन मिलेगा अन्यथा नहीं और नीतू मन ही मन खुश होने लगी क्योंकि अब स्कूल प्रतिदिन जाने को मिलेगा। अगली सुबह नीतू अपना बैग लगा रही थी। तभी मॉं की आवाज आई। अरे, नीतू जल्दी जा स्कूल कहीं तेरी छुट्टी ना लग जाए।
मीनाक्षी वर्मा
सहायक अध्यापिका
प्राथमिक विद्यालय डिडौली एक
जोया, अमरोहा
उत्तर प्रदेश ।

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Dr. Deepak Agarwal
Dr. Deepak Agarwal is the founder of SunShineNews. He is also an experienced Journalist and Asst. Professor of mass communication and journalism at the Jagdish Saran Hindu (P.G) College Amroha Uttar Pradesh. He had worked 15 years in Amur Ujala, 8 years in Hindustan,3years in Chingari and Bijnor Times. For news, advertisement and any query contact us on deepakamrohi@gmail.com
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