डाॅ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)
अगर किसी को अपने परिवारजनों के जिले में स्थानांतरण मिल जाए तो इससे बड़ी खुशी क्या हो सकती है। ऐसा ही प्राइमरी स्कूल अम्हेड़ा ब्लाक जोया जनपद अमरोहा की प्रधानाध्यापिका हेमा तिवारी के साथ हुआ। वह मुरादाबाद से अमरोहा आकर 11 साल से नौकरी कर रही हैं। अब उनका स्थानांतरण मुरादाबाद हो गया है लेकिन उनके स्कूल के अभिभावकों और स्टाफ ने उन्हें इतना भावुक कर दिया कि उन्होंने अपना स्थानांतरण ही छोड़ने का निर्णय कर लिया है।
72 वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्राथमिक विद्यालय अम्हेड़ा में झण्डा फहराने के साथ साथ अभिभावकों की चैपाल लगाकर शैक्षिक गतिविधियों पर भी चर्चा की गयी। प्रधानाध्यापिका हेमा तिवारी ने स्मार्टफोन धारक अधिकतर अभिभावकों को दीक्षा और रीड एलांग एप के बारे में बताया। जिन अभिभावकों को पहले यह एप डाउनलोड कराया गया था, उन्होंने अपने अनुभव साझा किये।
इस अवसर पर विद्यालय के स्टाफ और अभिभावकों ने मिलकर उस वक्त हेमा तिवारी को अचंभित और भावुक कर दिया, जब सबने एक स्वर में मैडम को अपना स्थानांतरण नहीं करवाने की अपील कर दी। दरअसल हेमा तिवारी का अन्तर्जनपदीय स्थानांतरण पड़ोसी जनपद मुरादाबाद में हो गया है। यह बात विद्यालय के शिक्षक सरताज अली और शिक्षामित्र शिफा परवीन के माध्यम से गांँव वालों तक पहुंच गयी। चैपाल में सबने उनसे भावुक आग्रह किया कि वे विद्यालय छोड़कर न जायें। क्योंकि उन्होंने विद्यालय का माहौल बदला है, बच्चे उनसे लगाव रखते हैं और पढ़ाई के प्रति एक जागरूकता लोगों में आयी है। कार्यक्रम की समाप्ति तक यह बात सभी ग्रामीणों तक पहुँची और बच्चे और ग्रामीण समूह बनाकर हेमा तिवारी से भावुक अपील करने पहुंँचे। जनपद अमरोहा में प्रथम संस्था के मिशन प्रेरणा सारथी लवकेश कुमार और ह्दयेश भी विद्यालय में गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने आये हुए थे, वे भी अभिभावकों का शिक्षिका के प्रति सम्मान प्रत्यक्ष देखकर एक अच्छा अनुभव लेकर विद्यालय से विदा हुए।
गौरतलब है कि हेमा तिवारी जिले की होनहार शिक्षिका हैं और एसआरजी भी हैं। उन्होंने बेहतर शिक्षण, साहित्य लेखन और गतिविधियों के लिए विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। कोरोना काल में उन्होंने आनलाइन शिक्षण के माध्यम से देश के 500 से अधिक टीचर्स को प्रशिक्षण दिया है। समता के माध्यम से देशभर के बच्चों के लिए आनलाइन प्रतियोगिता का आयोजन कर रही हैं। हेमा ने बताया कि अभिभावकों, बच्चों और स्टाफ के अनुरोध को देखते स्थानांतरण छोड़ने का मन बना लिया है।