Thursday, November 21, 2024
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उच्च शिक्षा को मिलेंगे ओबीई से नए पंख

डाॅ. दीपक अग्रवाल
मुरादाबाद/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)
टीएमयू में पैरामेडिकल, फिजियोथेरेपी और फिजिकल एजुकेशन कॉलेजों में सीटीएलडी की ओर से आउटकम बेस्ड एजुकेशन पर ट्रेनिंग का आयोजन किया गया।
नॉलेज संग स्किल व बिहेव्यर भी अनिवार्य
तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के सीटीएलडी डायरेक्टर प्रो. आरएन कृष्णिया बोले, उच्च शिक्षा में नॉलेज के संग-संग स्किल और बिहेव्यर भी अनिवार्य है। इससे नई शिक्षा प्रणाली के उत्थान को ऊँची उड़ान मिलेगी। वह सीटीएलडी की ओर से कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज, डिपार्टमेंट ऑफ फिजियोथेरेपी और कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन कॉलेजों में आउटकम बेस्ड एजुकेशन-ओबीई की एक दिनी ट्रेनिंग प्रोग्राम ने बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। सीटीएलडी के डायरेक्टर प्रो. कृष्णिया ने उम्मीद जताई, आज की यह ओबीई ट्रेनिंग सभी टीचर्स के लिए मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने ट्रेनिंग में मौजूद तीनों कॉलेजों की फैकल्टी से कहा, वे इस विशेष ट्रेनिंग प्रोग्राम के सारगर्भित बिंदुओं को आत्मसात करें ताकि स्टूडेंट्स के सर्वागीण विकास के साथ-साथ तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी बुलंदी के नए आयाम छुए।
इस मौके पर कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल के प्राचार्य डॉ. नवनीत कुमार, फिजियोथेरेपी की प्राचार्या डॉ. शिवानी एम कौल के अलावा सीटीएलडी के ट्रेनर्स- तरुण अरोरा, अभिनव श्रीवास्तव की मौजूदगी उल्लेखनीय रही। संचालन सीटीएलडी कोऑर्डिनेटर दिलीप वाष्र्णेय ने किया।
ओबीई के तीन स्टेप होते हैः जैस्मिन स्टीफन
सीटीएलडी की सीनियर फैकल्टी मिस जैस्मिन स्टीफन शिक्षा पद्धति के नए आयाम आउटकम बेस्ड एजुकेशन -ओबीई पर प्रकाश डालते हुए बोलीं, ओबीई क्यों जरुरी है? ओबीई का क्रियान्वयन कैसे किया जाए? इस स्पेशल ट्रेनिंग में कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज, डिपार्टमेंट ऑफ फिजियोथेरेपी और कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन के करीब 32 टीचर्स ने शिरकत की। वह बोलीं, ओबीई के तीन स्टेप होते हैं। सबसे पहले प्रोग्राम एजुकेशनल ऑब्जेक्टिव है। इसमें किसी भी छात्र के न केवल मौजूदा स्तर बल्कि भविष्य के लक्ष्य का भी मूल्यांकन करना होगा। इसके बाद प्रोग्राम आउटकम के तहत छात्र के स्किल्स का मूल्यांकन होगा। अंत में कोर्स आउटकम के तहत छात्र के सब्जेक्ट की लर्निंग का मूल्यांकन किया जाएगा। इन स्टेप्स के मूल्यांकन के बाद किसी भी छात्र और छात्रा के काबलियत को जांचा जा सकता है। सुश्री स्टीफन ने इन तीनों बिन्दुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। स्टीफन के साथ-साथ सीटीएलडी ट्रेनर्स-तरुण अरोरा और अभिनव श्रीवास्तव सवालों के जवाबों में बोले, यदि आप ट्रेनिंग का ईमानदारी से क्रियान्वयन करेंगे तो नॉलेज के संग-संग स्किल, बिहेव्यर पर भी पैनी नजर रख सकेंगे। इसके लिए स्टुडेंट्स को सेल्फ लर्निंग की तरफ प्रेरित करना होगा। इसका मकसद लर्निंग स्तर को बढ़ाना है। सीटी या किसी भी परीक्षा की कॉपी जांचते वक्त परीक्षक को उसकी कमजोरियों को तलाशना होगा और फिर ओबीई के तहत तराशना होगा।

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Dr. Deepak Agarwal
Dr. Deepak Agarwal is the founder of SunShineNews. He is also an experienced Journalist and Asst. Professor of mass communication and journalism at the Jagdish Saran Hindu (P.G) College Amroha Uttar Pradesh. He had worked 15 years in Amur Ujala, 8 years in Hindustan,3years in Chingari and Bijnor Times. For news, advertisement and any query contact us on deepakamrohi@gmail.com
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