डाॅ. दीपक अग्रवाल की विशेष मुलाकात
गाजियाबाद/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)
आराम करने की आयु में 68 साल के बुजुर्ग डाॅ. करतार सिंह को मर्म चिकित्सा की ऐसी लगन लगी कि वह अपने व्यापार के साथ-साथ निशुल्क मर्म चिकित्सा के प्रचार-प्रसार और मरीजों के उपचार में जुटे हैं। इसी लगन में और कोरोना लाकडाॅउन में मिले समय का उपयोग करते हुए उन्होंने मर्म चिकित्सा पर एक पुस्तक माॅर्डन यौगिक मर्म चिकित्सा भी लिख डाली। इस सबका श्रेय वह अपने गुरु मर्म चिकित्सा के मूर्धन्य विद्वान उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय देहारदून के कुलपति डाॅ. सुनील जोशी को देते हैं। डाॅ. जोशी ने ही उनकी पुस्तक का विमोचन 25 नवंबर को ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के सुश्रुत भवन में आयोजित कार्यक्रम में किया।
सन शाइन न्यूज के एडिटर डाॅ. दीपक अग्रवाल ने 7 फरवरी को गाजियाबाद वसुंधरा में लकी प्लाजा स्थित डाॅ. करतार सिंह से उनके प्रतिष्ठान पर मुलाकात की। 12 अप्रैल 1953 को जन्मे करतार सिंह के पिता नत्थू सिंह सैनिक थे और उन्होेंने द्वितीय विश्वयुद्ध में शिरकत की थी। 1976 में दिल्ली विश्वविद्यालय साउथ कैंपस से पीजी करने के बाद करतार सिंह केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में क्लास वन अफसर रहे। 30 मई 2005 को उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्त दी गई। इस सेवानिवृत्त को लेकर वह आहत भी लगे। उनके दोनों बेटे मुनीश सिंह और अवनीश सिंह इंजीनियर है।
सेवानिवृत्ति के बाद उन्हांेने अपना ड्राई फ्रूट्र्स का व्यापार शुरू कर दिया। भाजपा और विश्व हिंदू परिषद में पदाधिकारी भी रहे। लेकिन उनमें कुछ नया करने का जोश हिलोरे मार रहा था। लिहाजा राजनीति से किनारा कर उन्होंने 2015-16 में भारतीय विद्या भवन दिल्ली के ज्योतिष अलंकार पाठ्यक्रम में प्रवेश ले लिया। इसके बाद ज्योतिष आचार्य किया।
डाॅ. करतार सिंह ने बताया कि ज्योतिष के पाठ्यक्रम में मर्म चिकित्सा का भी एक चैप्टर था और छह माह में एक बार हरिद्वार से गुरुकुल काॅंगड़ी राजकीय आयुर्वेदिक कालेज एवं हॅास्पिटल के प्रोफेसर मर्म चिकित्सा विशेषज्ञ डाॅ. सुनील जोशी
क्लास लेने आते थे। इससे उनका झुकाव मर्म चिकित्सा की ओर हो गया और उन्होंने वर्ष 2018 में हरिद्वार शिविर में जाकर डाॅ. सुनील जोशी से मर्म चिकित्सा की शिक्षा ग्रहण की। 2019 में एक्यूप्रेशर शोध, प्रशिक्षण एवं उपचार संस्थान इलाहाबाद से चाइनीज एवं आयुर्वेदिक एक्यूप्रेशर की ट्रेनिंग की।
उन्होंने बताया कि मर्म चिकित्सा बिना दवा के उपचार करने की अद्भुत चिकित्सा पद्धति है। उन्होेंने विभिन्न बीमारियों के कई मरीजों को बिना दवा के ठीक किया है। इसके साथ उन्होंने सेवा भारती के आमंत्रण पर आगरा और बिजनौर में आयोजित शिविरों में मर्म चिकित्सा का प्रशिक्षण भी दिया और तमाम मरीजों का उपचार किया। मेरठ में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संघ शिक्षा वर्ग विशेष प्रथम वर्ष 2019 में भी मर्म चिकित्सक के रूप में सेवाएं दीं। उन्होंने बताया कि वह यह सेवा कार्य निशुल्क करते हैं। अगर कोई कुछ देना चाहता है तो उमे मर्म चिकित्सा मंदिर निर्माण के दान पात्र में डलवा देते हैं।
उन्होंने बताया कि वह गाजियाबाद में मर्म चिकित्सा मंदिर का निर्माण कराने का प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए जमीन की तलाश की जा रही है।