डाॅ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)
गृह मंत्रालय भारत सरकार के संगठन समन्वय निदेशालय बेतार द्वारा आयोजित हिंदी कार्यशाला में देशभर के सभी राज्यों से समन्वय निदेशालय से सम्बधित अधिकारी जुड़े, इस अवसर पर कार्यशाला को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए वरिष्ठ हिंदी सेवी व जनपद के बेसिक शिक्षक डॉ यतींद्र कटारिया विद्यालंकार ने कहा कि हिंदी राष्ट्रीय अस्मिता व संचेतना का प्रतीक रही है हिंदी को राष्ट्रीय भावना के साथ आगे बढ़ाकर गौरव की स्थापना करें।
समन्वय निदेशालय बेतार द्वारा राजभाषा हिंदी के संवर्धन एवं प्रयोग में आने वाली विभिन्न कठिनाइयों के निराकरण के संदर्भ में हिंदी ई कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला में देश के सभी पूर्ण एवं केंद्र शासित राज्यों से पुलिस वायरलेस अधिकारी/कर्मचारी जुड़े राष्ट्रीय कार्यशाला को डॉ. यतींद्र कटारिया विद्यालंकार ने कहा कि हिंदी आज विश्व पटल पर निरंतर आगे बढ़ रही है तथा एक दिन यह संयुक्त राष्ट्र संघ की अधिकारिक भाषा के रूप में स्थापित होने वाली है मॉरीशस में स्थित विश्व हिंदी निदेशालय सचिवालय विश्व भर में हिंदी के प्रचार प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
डॉ. कटारिया ने कहा कि हिंदी के प्रचार प्रसार के लिए वह हिंदी को आत्मसात करने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति की आवश्यकता है जिस तरह से विभिन्न राष्ट्रीय प्रतीकों को हम स्वाभिमान के साथ में गौरवान्वित होते हैं उसी तरह से हिंदी को राष्ट्रीय अस्मिता के साथ आगे बढ़ाएं।
समस्याओं का तार्किक ढंग से उत्तर दिया
हिंदी कार्यालय कार्यशाला में नरेश मिश्रा, विनोद त्रिपाठी मुंबई अवनीश कुमार सिंह पटना सुदेश शर्मा कोहिमा अंकित आदि जरिया बेंगलुरु उदिता बारो ही भुवनेश्वर कमलेश कुमार सिंह दमन रविकांत मिश्रा रांची प्रमोद बड़थ्वाल अगरतला संजीव सैनी देहरादून योगेश वाले चेन्नई पंडित रामा गंगटोक संजय भारती इटानगर विमला कुंडेरू हैदराबाद रमन नायर पुडुचेरी राहुल पटेल बेंगलुरु सुरेश बाबू तिरुवंतपुरम निशांत कुमार गांधीनगर मनोज लायक कोलकाता ललित मोहन जयपुर माधव कुमार शिलांग विनोद उपाध्याय लखनऊ आदि अधिकारियों ने राजभाषा हिंदी को लेकर डॉ यतींद्र कटारिया से विभिन्न समस्याओं को रखा जिनका तार्किक ढंग से उत्तर दिया गया इस मौके पर समन्वय ने निदेशालय के संयुक्त सह निदेशक पीयूष गोयल ने भी राजभाषा हिंदी के प्रयोग एवं राजभाषा अधिनियम की जानकारी के साथ बात को रखा।
कार्यक्रम का कुशल संचालन करते हुए राजभाषा उपनिदेशक डॉ राजीव कुमार सिंह ने आभार व्यक्त किया।