डाॅ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)
त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन 2021 में पीठासीन अधिकारियांे और मतदान अधिकारियांे की डयूटी में तमाम विसंगतियां होने से शिक्षक संघों समेत अन्य कर्मचारी संगठनों में आक्रोश है। लेकिन फिलहाल कोई समाधान नहीं मिलने से अफसर परेशान हैं। अभी तक डयूटी में संशोधन की कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
एनआईसी की विश्वसनीयता पर अंगुली उठाना सूरज को दीया दिखाना
अभी तक चुनाव में डयूटी का काम एनआईसी के माध्यम से होता रहा है। एनआईसी ने हमेशा चुनाव आयोग की गाइडलाइन का पालन करते हुए चुनाव डयूटियां लगाई हैं। एनआईसी की विश्वसनीयता पर अंगुली उठाना सूरज को दीया दिखाना होगा।
लेकिन इस बार चुनाव आयोग ने अलग से साफटवेयर तैयार कराकर डयुटी लगवाई हैं। सूत्रों के अनुसार डयूटी लगाने में चुनाव आयोग की गाइड लाइन का पालन भी नहीं किया गया है। तमाम शिक्षिकाओं को पीठासीन अधिकारी बनाया गया है। ऐसी स्थिति भी है की पूरी पार्टी में महिला कर्मचारी ही शामिल हो गई हैं। कहीं वाहन चालक को भी पीठासीन अधिकारी बना दिया गया है। एक जिला स्तरीय अधिकारी को मतदान अधिकारी प्रथम बनाया गया है।
वहीं जोया की शिक्षिकाओं को गंगेश्वरी व हसनुर में मतदान अधिकारी प्रथम बनाया गया है। जबकि आयोग के आदेश महिलाओं को उनके ही सेवा के ब्लाक में डयूटी के हैं।
राजकीय शिक्षक संघ, प्राथमिक शिक्षक संघ, जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ जनपद अमरोहा ने जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी को शिक्षिकाओं की डयूटी त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन 2021 में पीठासीन अधिकारी के पद पर लगाए जाने के सम्बन्ध में एक पत्र दिया है।
शिक्षिकाओं की डयूटी पीठासीन अधिकारी के रूप में
शिक्षक नेताओं का कहना है कि जनपद में शिक्षिकाओं की डयूटी पीठासीन अधिकारी के रूप में प्रथम बार लगाई गई है। समस्या यह है कि महिला पीठासीन अधिकारी बनकर अपनी चुनावी सामग्री के साथ कैसे मतदान केंद्र पर रात बिताएंगी तथा नित्य क्रिया की व्यवस्था किस प्रकार करेंगी। इससे पूर्व कभी भी महिला शिक्षकों की ड्यूटी पीठासीन अधिकारी के रूप में नहीं लगी है। महिलाओं की ड्यूटी हमेशा मतदान अधिकारी द्वितीय के रूप में लगी है तथा व्यावहारिक स्तर पर रात्रि में निवास से छूट प्राप्त है। उन्होंने शिक्षिकाओं को पीठासीन अधिकारी के रूप में लगाई गई ड्यूटी से मुक्त कराने और शिक्षिकाओं की उनके सेवारत ब्लाक में डयूटी लगवाने की मांग की है।
अधिकांश शिक्षकों और कतिपय प्रधानाचार्यो को मतदान अधिकारी प्रथम बनाया गया है। शिक्षकों को पीठासीन अधिकारी के पद पर नियुक्त करते हुए प्रधानाचार्य को संस्था प्रधान होने के नाते चुनाव कार्य से मुक्त रखने की मांग की है।
गौरतलब है कि सदैव से ही शिक्षकों ने चुनाव संपन्न कराने में अपनी महत्व पूर्ण भूमिका निभाई है।’