डाॅ. दीपक अग्रवाल
लखनऊ/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)
स्कूली शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद को लेकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की लाबी में नाराजगी है इसकी गूंज मुख्यमंत्री के दरबार तक पहुंच गई है।
इस तथ्य से इंकार नहीं किया जा सकता है कि विजय किरन आनंद एक क्र्रांतिकारी आईएएस अफसर हैं। लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग में उनकी तैनाती शुरू से ही तनातनी वाली रही है। पीईएस कैडर के बड़े अफसरों से उनके रिश्ते हमेशा तल्ख ही रहे हैं। एक बार तो स्थिति ऐसी आ गई थी सायं 6 बजे के बाद अफसरों ने उनके फोन ही रिसीव करने बंद कर दिए थे।
बेसिक शिक्षा में महानिदेशक द्वारा किए गए कुछ कार्य प्रशंसनीय भी रहे हैं। जबकि कुछ ऐसे फैसले भी हैं जो तुगलकी फरमान वह अव्यवहारिक हैं। जैसे शिक्षकों की नई भर्ती में सभी स्कूलों को ओपन कर देना जिससे दूर दराज के स्कूल सूने रह गए।
मार्च में होली के दिन भी परीक्षा का आयोजन कराने का उनका फरमान किसी के गले नहीं उतरा। इसको लेकर संघ लाबी ने नाराजगी व्यक्त की थी जिस पर शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी को हस्तक्षेप कर परीक्षा निरस्त करानी पड़ी थी।
सूत्रों के अनुसार संघ लाबी ने कुछ अन्य बिंदुओं को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से विजय किरन आनंद की कार्यप्रणाली को लेकर नाराजगी व्यक्त की है।
उधर शिक्षक संगठन भी शिक्षकों के इंक्रीमेंट को लेकर सेल्फ अप्राइजल यानि शिक्षकों के मूल्यांकन के आदेश से खफा है और आंदोलन की रूपरेखा तय की जा रही है।