डाॅ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)
उप निबंधक से नौकरी का शुभारंभ करने वाले डाॅ. अशोक कुमार उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, एसोसिएट डीआईओएस, जिला विद्यालय निरीक्षक, एडी बेसिक, डायट उप प्राचार्य रहे। अब पदोन्नति पाकर पर अमरोहा जनपद के बुढ़नपुर स्थित जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में बतौर प्राचार्य सेवारत हैं।
सन शाइन न्यूज के एडिटर डाॅ. दीपक अग्रवाल ने प्राचार्य डाॅ. अशोक कुमार से उनके संघर्ष और शिक्षा के हालात को लेकर वार्ता की। पेश हैं वार्ता के प्रमुख अंशः
वनस्पति विज्ञान में पीएचडी
मूल रूप से उत्तर प्रदेश के जौनपुर जनपद निवासी डाॅ. अशोक कुमार ने बीएससी एसआरजी पीजी कालेज जौनपुर से की। उसके बाद एमएससी वनस्पति विज्ञान गोरखपुर विश्वविद्यालय से करने के बाद पीएचडी की। उन्होंने बताया कि शोध के दौरान एसआरजी पीजी कालेज जौनपुर में शिक्षण भी किया।
बिहार में रहे उपनिबंधक
उन्होंने बताया कि 1990 में बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन से चयन होने पर रजिस्ट्री कार्यालय में उप निबंधक रहे। 1996 में उत्तर प्रदेश में पीईएस पर चयन हो गया। नियुक्ति विलंब से मिली। फरवरी 1999 में बिजनौर में एसोसिएट डीआईओएस के पद पर ज्वाइन किया। वह जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी गाजियाबाद, रायबरेली, मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर रहे। जिला विद्यालय निरीक्षक बलिया, आजमगढ़, मऊ, मुजफ्फरनगर में रहे। मेरठ व मुरादाबाद में एडी बेसिक भी रहे।
3 जुलाई 2020 को पदोन्नति
उप प्राचार्य डायट मुजफ्फरनगर में रहते हुए 3 जुलाई 2020 को उनकी पदोन्नति हुई। पोस्टिंग जून 2021 में मिली और उन्होंने 25 जून को अमरोहा के डायट बुढ़नपुर में कार्यभार ग्रहण किया।
स्कूलों का कलेवर बदल गया
प्राचार्य का मानना है कि ग्रामीण क्षेत्र के परिषदीय स्कूलों में कायाकल्प योजना के तहत स्कूलों का कलेवर बदल गया है। कोरोना के कारण पढ़ाई चैपट हो गई है। मोबाइल पर बच्चों का रेस्पांस न के बराबर मिल रहा है। परिषदीय स्कूलों में अधिकतर आर्थिक रूप से कमजोर बच्चे शिक्षा लेते हैं। योजनाओं का सच धरातल पर आकर पता चलता है।
प्रशिक्षण का लाभ बच्चांे को मिले
उन्होंने बताया कि कोरोनाकाल के दौरान टीचर्स को आनलाइन प्रशिक्षण काफी दिए गए हैं और इनका सिलसिला जारी है। टीचर्स जो प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं स्कूल में क्लास शुरू होने पर उनका लाभ बच्चांे को दें तभी प्रशिक्षण और उनकी मेहनत सफल होगी।
उप निबंधक से डायट प्राचार्य तक का डाॅ. अशोक कुमार का सफर
