डॉ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)
कोरोना के कारण उत्तर प्रदेश समेत समूचे भारत में बच्चों की पढ़ाई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। एक तरह से चौपट ही हो गई है। अब पढ़ाई को पटरी पर लाने के लिए स्कूलों का संचालन जरूरी है। अब जब कई प्रदेशों में स्कूलों को खोलने का निर्णय हो गया है तो यूपी सरकार को भी इस दिशा में पहल करनी चाहिए।
आनलाइन पढ़ाई से वंचित
इस तथ्य से इंकार नहीं किया जा सकता है कि कोरोना के कारण आनलाइन पढ़ाई का विकल्प बनकर उभरा है लेकिन इसका लाभ सब बच्चांे को नहीं मिल पा रहा है। संसाधन संपन्न बच्चों को ही लाभ मिल रहा है। दूसरे सबसे बड़ी दिक्कत नेट की है। जिस वजह से पढ़ाई प्रभावित होती है।
स्कूल न खोले जाने के कारण उत्पन्न समस्याएं
अमरोहा के आरके पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्या ने जनसुनवाई पोर्टल पर यूपी के मुख्यमंत्री को अनलॉक प्रक्रिया के अर्न्तगत स्कूल न खोले जाने के कारण उत्पन्न समस्याओं के सम्बन्ध में पत्र भेजा है। इसमंे उल्लेख है कि
जैसा कि विदित है देश में कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन के फलस्वरूप उत्पन्न आर्थिक संकट के कारण समस्त जनमानस कठिनाईयों का सामना कर रहा है। विद्यालय भी इसी संकट से प्रभावित है।
फीस का भुगतान बहुत कम
उपरोक्त विषम परिस्थितियों में भी विद्यालय प्रबन्धतन्त्र शुल्क निर्धारण एवं वसूली के संदर्भ में सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का अनुपालन कर रहा है, परन्तु अभिभावकों द्वारा शुल्क भुगतान के दायित्व का निर्वाह नहीं किया गया। विद्यालय विगत वर्ष माह मार्च, 2020 के तृतीय सप्ताह से बन्द होने के फलस्वरूप लगभग 15 माह का समय बीत चुका है जिसके कारण शुल्क काफी कम मात्रा में प्राप्त हुआ है।
कर्ज भुगतान की वसूली स्थगित की जाये
एक विद्यालय में 100 वेतन भोगी कर्मचारी होने तथा विद्यालय द्वारा निर्मित भवन एवं संचालित वाहन वित्त पोषित हैं। शुल्क प्राप्ति के अभाव में कर्मचारियों का वेतन भुगतान तथा बैंक से प्राप्त वित्तीय सहायता की किश्तों का भुगतान करने में कठिनाई उत्पन्न हो रही है। अभिभावकों विशेषकर सरकारी वेतन भोगी कर्मचारियों को शुल्क भुगतान के संदर्भ में प्रेरित किया जाये। वर्तमान परिस्थिति का संज्ञान लेते हुए विद्यालय द्वारा किए जाने वाले कर्ज भुगतान की वसूली स्थगित की जाये।
विद्यालय द्वारा संचालित वाहनों की वैधता में एक वर्ष की वृद्धि की जाये। विद्यालय द्वारा संचालित वाहनों को बीमा एवं कर भुगतान से मुक्त किया जाये।
स्कूली शिक्षा से वंचित रखना न्याय संगत नहीं
शासन द्वारा शनैः शनैः समस्त गतिविधियों को सामान्य करने का प्रयास किया जा रहा है जिसके अर्न्तगत मॉल, सिनेमा घर जिम्म आदि को खोलने की अनुमति दी जा चुकी है। शासन द्वारा अभी हाल ही लाकडाउन कर्फयू के समय में ढील देते हुए बाजारों को प्रातः 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक अनुमति प्रदान कर दी है।
ऐसी परिस्थितियों में विद्यार्थी को स्कूली शिक्षा से वंचित रखना न्याय संगत नहीं है तथा इसमें विद्यार्थियों के शैक्षिक जीवन पर निरन्तर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। अतः आपसे सादर अनुरोध है कि उपरोक्त का संज्ञान लेते हुए सम्बद्धता प्राप्त विद्यालयों की समस्याओं का निदान करते हुए उनको (विद्यालयों) खोलने की अनुमति प्रदान करने का कष्ट करें।