डॉ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)
बम बम भोले नाथ सती ने कहा नहीं माना ,
आई पिता के यज्ञ वहां पर मरना ही ठाना ।
माता बहनें बैठी रहीं मिलने नहीं आई ,
सभी देवता बैठ कर रहे हैं हंसाई,
मन में चिंता हुई बहुत भोले का आसन नहीं जाना ।।
बम बमभोले नाथ
भोले बाबा ने समझाया समझ नहीं आई ,
जिद पकड़ी जाने की अकेली चली आईं ,
चली गणों के साथ दिल बहुत घबराया ।।
बम बम भोले नाथ
कहा तो मानो सती हमारा बिना बुलाए मत जाओ ,
सौ बार कहे पीहर में गौरा एक बार चली जाओ,
पिता तुम्हारे हैं अभिमानी तुमने नहीं पहचाना ।।
बम बम भोले नाथ
बार बार समझाया तुमको जिद बहुत भारी ,
सीता बन के ली परीक्षा राम ने पहचानी,
हुई सोच कर दुखी गौरा यह मैंने क्या ठाना ।।
बम बम भोले नाथ
हरियाली तीज मनाओ हरी मेहंदी हाथ रचाओ,
हमेशा सुखी रहो तुम सब आशीर्वाद पाओ,
प्रभु हमेशा सही है कहते रूठ के न रहना ।।
बम बम भोलेनाथ सती ने कहा नहीं माना ,
आईं पिता के यज्ञ वहां पर मरना ही ठाना।।
प्रस्तुतिः मुन्नी देवी, जवाहर गंज मंडी गढ़।