डॉ. दीपक अग्रवाल की विशेष वार्ता
अमरोहा/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)
सिविल सर्विसेज एग्जाम 2020 में 23 वीं रैंक हासिल कर अमरोहा के लिटिल स्कालर्स एकेडमी से स्कूली शिक्षा प्राप्त करने वाली सदफ चौधरी ने बड़ी कामयाबी हासिल की हैं। उन्होंने बदलाव की चाहत और ललक को अपनी सफलता का सूत्र बताया। उनके परिवार में खुशी का माहौल है और बधाई देने वालों का तांता लगा है।
रुड़की निवासी इसरार की बड़ी बेटी सदफ
उत्तराखंड के शहर रुड़की निवासी मोहम्मद इसरार की बड़ी बेटी सदफ ने भारतीय प्रशासनिक सेवा में कामयाबी हासिल कर इतिहास रच दिया है। इस कामयाबी पर सन शाइन न्यूज के संपादक डॉ. दीपक अग्रवाल ने उनसे फोन पर बात की। पेश हैं वार्ता के प्रमुख अंशः
घर पर रहकर की तैयारी
सदफ ने बताया कि उनके पापा मोहम्मद इसरार जनपद अमरोहा के ब्लाक जोया में प्रथमा बैंक मंे प्रबंधक थे। अब रुड़की में प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक में प्रबंधक हैं। लिहाजा उन्होंने कक्षा 12 तक की पढ़ाई अमरोहा के लिटिल स्कालर्स एकेडमी से की। वह टॉपर रहीं। उसके बाद एनआईटी जालंधर से केमिकल इंजीनियरिंग 2016 मंे पूरी की। उसके बाद दिल्ली में अमेरिकन बैंक मंे नौकरी की। 2018 में नौकरी छोड़ कर प्रशासनिक सेवा के लिए तैयारी की। रुड़की घर पर आकर ही परीक्षा तैयारी की। उन्होंने दूसरे प्रयास में सफलता हासिल की।
छोटा शहर तरक्की में बाधा नहीं
उन्होंने बताया कि उनकी मां श्रीमती शहनाज बानो गृहणी हैं उनकी छोटी बहन सायमा चौधरी दिल्ली विश्वविद्यालय में और छोटा भाई फाहत चौधरी रुड़की डीपीएस में कक्षा 11 मेें पढ़ रहा है। सायमा ने कक्षा 12 तक और भाई फाहत ने कक्षा 10 तक की पढ़ाई अमरोहा के लिटिल स्कालर्स एकेडमी से ही की है।
सदफ ने बताया कि छोटे शहर में पढ़ने वालों को कभी भी स्वयं को कमजोर नहीं समझना चाहिए। अगर कुछ करने की चाहत और लगन है तो सफलता अवश्य मिलती है। वह स्वयं इसका उदाहरण है। हमें अपना एक लक्ष्य तय कर मेहनत करनी चाहिए। वह किताबांे को पढ़ने और घूमने की शौकीन है।
आईएएस को नया करने के अवसर खूब मिलते
उनका मानना है कि आईएएस बनने के बाद कुछ नया करने के अवसर खूब मिलते है। जरूरतमंदों की मद करना और पीड़ितांे को उनका हक दिलाने ही उनका लक्ष्य है। समाज में लड़कियांे को स्वयं को कमजोर नहीं समझना चाहिए, अब लड़िकयां हर क्षेत्र में कामयाबी के झंडे फहरा रही हैं। माता-पिता को भी उन पर विश्वास कर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना चाहिए। उन्होंने बताया कि आगे बढ़ने के लिए उन्हें माता-पिता और गुरुजनों का पूरा सहयोग मिला है।
लिटिल स्कालर्स एकेडमी में होगा सम्मान
उधर लिटिल स्कालर्स एकेडमी के प्रबंधक डॉ. गिरीश बंसल और प्रधानाचार्या डॉ. अनुराधा ने सदफ को आईएएस चुने जाने पर फोन पर बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने बताया कि सदफ शुरू से ही पढ़ाई में होनहार थी वह उनके स्कूल की टॉपर रहीं। स्कूल में कार्यक्रम का आयोजन कर सदफ को सम्मानित किया जाएगा। जिससे अन्य बच्चों को भी आगे बढ़ने की प्रेरणा मिले।