डॉ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)
कलेक्ट्रेट सभागार अमरोहा में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी व पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की 152 जयंती धूमधाम से मनाई गई। इस मौके पर डीएम बालकृष्ण त्रिपाठी ने कहा कि महात्मा गांधी के सत्य और अंिहंसा के सिद्धांत भारत ही नहीं पूरी दुनिया का मार्गदर्शन कर रहे हैं।
गांधी जी व शास्त्री की मूर्ति पर माल्यार्पण
इस अवसर पर जिलाधिकारी बालकृष्ण त्रिपाठी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी एवं भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती के शुभ अवसर पर उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित कर उनकी जीवन शैली पर रोशनी डाली।
अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस
जिलाधिकारी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि 2 अक्टूबर का दिन भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इस दिन भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म हुआ था। 2 अक्टूबर को हर वर्ष गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है। अंग्रेजों से आजादी दिलाने में महात्मा गांधी का विशेष योगदान रहा है। कहा कि 2 अक्टूबर को हर साल अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस भी मनाया जाता है। कहा कि
आज 2 अक्टूबर है और न सिर्फ पूरा हिन्दुस्तान, बल्कि दुनिया के कई देश 152वीं गांधी जयंती मना रहे हैं। बापू ने अपने सत्य और अहिंसा के सिद्धांत के दम पर अंग्रेजों को कई बार घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। उनके अहिंसा के सिद्धांत को पूरी दुनिया ने सलाम किया, यही वजह है कि पूरा विश्व आज का दिन अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के तौर पर भी मनाता है।
सत्याग्रह का रास्ता अपनाया
अपर जिलाधिकारी विनय कुमार, अपर उप जिलाधिकारी इंद्र नंदन सिंह द्वारा भी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी वह पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की मूर्ति पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए व उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर विचार व्यक्त किए। अपर जिलाधिकारी श्री विनयकुमार ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि गांधी जी इस बात में विश्वास रखते थे कि हिंसा के रास्ते पर चलकर आप कभी भी अपने अधिकार नहीं पा सकते। उन्होंने विरोध करने के लिए सत्याग्रह का रास्ता अपनाया।
महात्मा गांधी ने लंदन में कानून की पढ़ाई की थी। लंदन से बैरिस्टर की डिग्री हासिल कर उन्होंने बड़ा अफसर या वकील बनना उचित नहीं समझा, बल्कि अपना पूरा जीवन देश के नाम समर्पित कर दिया। अपने जीवन में उन्होंने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ कई आंदोलन किए। कार्यक्रम के दौरान जिला आबकारी अधिकारी अनुराग सिंह सहित अन्य संबंधित अधिकारी व कलेक्ट्रेट कर्मचारी उपस्थित रहे ।