डॉ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)
बेसिक शिक्षा अमरोहा के निर्वतमान डीसी और राजकीय इंटर कालेज अमरोहा में शिक्षक मदनपाल सिंह की बेटी माधुरीपूर्णा का चयन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में वैज्ञानिक के पद पर हुआ है। अभी वह आईएएस की तैयारी में भी जुटी है।
गांव अव्वलपुर निवासी माधुरीपूर्णा
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने वैज्ञानिक/इन्जीनियर के चयन को 11 अक्टूबर 2021 को परिणाम घोषित किया गया। जिसमें गांव की बेटी माधुरी पूर्णा प्रजापति ने जनपद अमरोहा का नाम राष्ट्रीय फलक पर रोशन किया है। माधुरी पूर्ण का चयन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में वैज्ञानिक/इंजीनियर के पद पर हुआ है। माधुरी का जन्म 1 मार्च 1997 को ग्राम व डा. अव्वलपुर तहसील-नौगावां सादात जनपद-अमरोहा में हुआ।
हाईस्कूल श्रीराम और इंटर एलएसए से किया
माधुरी पूर्णा ने प्राथमिक शिक्षा ब्रिलिऐन्ट स्कॉलर्स पब्लिक स्कूल कताई मिल अमरोहा से प्राप्त की। उच्च प्राथमिक शिक्षा राजकीय इंटर कॉलेज जितुवा पीपल नैनीताल से ग्रहण की। हाईस्कूल की परीक्षा 71.8 प्रतिशत अंकों के साथ श्री राम पब्लिक इंटर कॉलेज अमरोहा और इंटरमीडिएट की परीक्षा 86.5 प्रतिशत अंकों के साथ लिटिल स्कॉलर्स अकेडमी अमरोहा से उत्तीर्ण की।
एआईईईई के माध्यम से चयनित होकर एम.डी.यू. रोहतक हरियाणा से बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में 80.11 प्रतिशत अकों के साथ परीक्षा उत्तीर्ण की। एमएनआईटी. इलाहाबाद से फेैलोशिप के साथ एम.टेक. कम्युनिकेशन सिस्टम इंजीनियरिंग में 2021 में 9.25 सीजीपी के साथ उत्तीर्ण किया।
गेट अकेडमी बैंगलौर में विषय-विशेषज्ञ
एमएनआईटी इलाहाबाद से ही माधुरी का चयन गेट अकेडमी बैंगलौर में विषय-विशेषज्ञ के पद पर हुआ है। जहां वे वर्तमान में कार्यरत है। इससे पूर्व माधुरी ने विद्युत विभाग में ऐ.ई. और भाभा आणुविक अनुसंधान केन्द्र में वैज्ञानिक की चयन परीक्षा उत्तीर्ण कर साक्षात्कार दे चुकी है। माधुरी पूर्ण प्रजापति के पिताजी मदनपाल सिंह राजकीय इंटर कॉलेज अमरोहा में कार्यरत हैं। माता गृहणी है। माधुरी पूर्णा अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता एवं अपने कठोर परिश्रम को देती है। माधुरी पूर्णा प्रजापति अभी भी आईए.एस. तैयारी में जुटी है।
बच्चों को कैरियर चुनने देंः मदनपाल
माधुरी के पिताजी मदनपाल सिंह ने बताया कि आज की प्रतिस्पर्धा की दुनिया में बच्चों का केवल मार्गदर्शन करें। उनको अपना कैरियर स्वयं चुनने दें। बच्चे पर अनावश्यक दवाब न दें। उन्होंने बताया कि लड़कियों को भी अपने कैरियर के पर्याप्त अवसर दिये जाने चाहिए। प्रतिभाओं की दृष्टि से लड़कियाँ लड़कों से किसी भी मायने में कम नहीं है। बस आवश्यकता होती है, धैर्य पूर्वक बच्चों का सहयोग और मनोबल बढ़ाने की।